इटारसी। भारतीय जनता पार्टी को वोट नहीं देने की शपथ दिलाने वाली प्रायवेट आईटीआई विजयलक्ष्मी को कौशल विकास विभाग से नोटिस मिला है, जिसमें संस्था द्वारा मापदंड पूरे नहीं करने पर की मान्यता रद्द करने संबंधी जानकारी है। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन झंडावंदन के बाद संस्था के विद्यार्थियों ने भाजपा को वोट नहीं डालने की शपथ ली थी। डायरेक्ट्रेट कौशल विकास की ओर से दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। हालांकि नोटिस शपथ नहीं बल्कि इन दोनों संस्था में मापदंड पूरे नहीं करने की रिपोर्ट के आधार पर दिया है।
गौरतलब है कि शपथ की घटना के बाद तकनीकि शिक्षा विभाग के आदेश से इटारसी, होशंगाबाद और बुदनी आईटीआई के तकनीकि विशेषज्ञों की टीम ने संस्था की जांच की थी। टीम ने निरीक्षण के दौरान कुछ दस्तावेज जब्त किए थे और इसके बाद रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी थी। माना जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के बाद नोटिस की यह कार्रवाई की गई है।
उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस पर प्रायवेट श्री विजयलक्ष्मी आईटीआई के छात्र-छात्राओं ने ऑन लाइन परीक्षा के विरोध में भाजपा को वोट नहीं देने की शपथ ली थी, इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था और वीडियो देखने के बाद भाजपा नेता हरकत में आए थे और उसी शाम को संस्था में जाकर आपत्ति दर्ज करायी थी। आईटीआई के भवन की छत पर छात्र-छात्राओं द्वारा एक शपथ ली गई थी जिसमें कहा गया था कि भाजपा सरकार जब तक ऑन लाइन परीक्षा बंद नहीं कर देती, न तो कोई भाजपा को वोट देगा और अपने आसपास, गांव में भी लोगों को ऐसी ही शपथ दिलायी जाएगी। खबरें प्रकाशन के बाद औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था होशंगाबाद के प्राचार्य एसके बडि़ए, इटारसी आईटीआई के प्राचार्य ओमप्रकाश सैनी और बुदनी आईटीआई के प्राचार्य सतीश मौर्य के साथ करीब आधा दर्जन ट्रेनिंग आफिसर्स की टीम ने 29 जनवरी को दोपहर में श्री विजयलक्ष्मी आईटीआई पहुंचकर निरीक्षण किया था। टीम का कहना था कि उन्हें संस्था में एक भी मशीन चालू नहीं मिली। जांच के दौरान मौजूद विजयलक्ष्मी आईटीआई की ट्रेनिंग आफिसर से टीम ने तकनीकि सवाल किए, मोटरें चालू करायीं, मशीनों के स्विच ऑन कराए, लेकिन कोई भी मशीन चालू नहीं थीं, मौके पर सारी कंडम मशीनें मिलीं। संस्था के कागजात देखे और उनमें कुछ भी नहीं मिलने पर फाइलें जब्त करके अपने साथ ले गए थे।
इनका कहना है…!
हमारे पास अब तक कोई नोटिस नहीं पहुंचा है, केवल मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिल रही है। नोटिस आएगा तो हम उसका उपयुक्त जवाब देंगे।
केके तिवारी, प्राचार्य विजयलक्ष्मी आईटीआई