भोले आदिवासी-वनवासियों को आर्थिक शोषण से बचाएगी सरकार
इटारसी। गरीब आदिवासियों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने अब शासन भी महुआ खरीद में उतर आया है। वन विभाग के मार्फत अब सरकार आदिवासियों से महुआ खरीदेगी। इसके लिए समर्थन मूल्य 30 रुपए किलो रखा है। ठेकेदारों द्वारा गरीब आदिवासियों का आर्थिक शोषण की खबरों के बाद शासन ने वन विभाग से खरीद कराने का निर्णय लिया। इसके लिए दूरस्थ जंगलों में दो अतिरिक्त खरीद केन्द्र बनाने के हाल ही में आदेश आए हैं।
सतपुड़ा के जंगलों में बड़ी मात्रा में महुआ उत्पादन होता है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार हर वर्ष यहां लगभग दो से तीन हजार क्विंटल महुआ का उत्पादन होता है और महुआ तथा गुल्ली ही यहां के आदिवासियों की आय का ज़रिया है। लेकिन, ठेकेदारों द्वारा खरीदी में इन गरीब एवं भोले आदिवासियों का आर्थिक शोषण करके अत्यंत कम दाम में महुआ खरीदी करके दोगनुी कीमत में बाहर भेजा जाता है। आदिवासियों को इसी शोषण से बचाने अब सरकार वन विभाग के माध्यम से महुआ खरीद करेगी।
इटारसी वन सर्किल में महुआ खरीद के लिए आठ केन्द्र हैं जहां आदिवासियों से महुआ खरीद की जाती है। महुआ खरीद का मुख्य केन्द्र जमानी है। यहीं खरीदे महुआ का संग्रहण भी किया जाता है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार अभी दूरस्थ वन ग्रामों में दो नए केन्द्र रांझी और पांडरी में बनाए जा रहे हैं, यहां 11 मई से खरीद शुरु होगी और यहां खरीद के बाद संग्रहण जमानी में होगा।
अब तक ठेकेदार खरीदते थे
अभी तक ठेकेदार महुआ खरीदते थे। इसमें कई बिचौलिए शामिल थे। जो गांव-गांव अपनी घुसपैठ बनाकर रखते और आदिवासी महुआ बीनकर सुखाता है तो उसी वक्त उसके पहुंचकर उसे अपने शब्द जाल में फंसाते और औने-पौने दाम में उसकी मेहनत से जुटाया महुआ खरीद लेते हैं। वन विभाग द्वारा ग्रामीण अंचलों में खरीदी केंद्र खोले जा रहे हैं। ग्रामीणों को विभाग के खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर महुआ बेचने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिलने पर ही बाजार में महुआ बेचने की समझाइश ग्रामीणों को दी जा रही है। वन विभाग के खरीदी केंद्र में महुआ 30 प्रति किलो के समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है। जब गांव वालों को पता चल जाएगा कि महुआ वन विभाग 30 रुपए में खरीद रहा है तो वे बिचौलियों को कम दाम में नहीं बेचेंगे। यदि कोई ठेकेदार 30 रुपए या उससे अधिक दाम देगा तो ही ग्रामीण उसे बेचेगा।
इनका कहना है…!
सरकारी ने गरीब आदिवासियों-वनवासियों को ठेकेदार के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए यह योजना प्रारंभ की है। अब समर्थन मूल्य 30 रुपए से कम पर महुआ नहीं खरीदा जा सकेगा। इससे कम पर खरीद की शिकायत मिलने पर विभाग कार्रवाई करेगा। हम अपने खरीद केन्द्र पर 30 रुपए में महुआ खरीदेंगे।
एलएल यादव, रेंजर