स्कूल बस के कंडक्टर की हरकतों से जागरुक नागरिक चिंतित 

इटारसी। शहर के जागरुक नागरिकों ने आज अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अनिल शर्मा को एक ज्ञापन देकर स्कूल बसों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से महिला कंडक्टर रखने और पुरुष कंडक्टर और ड्रायवरों का पुलिस वैरीफिकेशन करने की मांग की है। एक स्कूल बस के कंडक्टर द्वारा स्कूल की बालिका से छेड़छाड़ के बाद शहर के कुछ जागरुक नागरिकों ने रोष व्यक्त करते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और स्कूल बसों में कंडक्टर का पुलिस सत्यापन करने, महिला कंडक्टर रखने की मांग की है।
ज्ञापन में कहा है कि 26 जून को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की जिला स्तरीय कार्यशाला में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को स्कूल बस में कार्यरत चालक और परिचालक का पुलिस सत्यापन एवं स्कूल बस में महिला कंडक्टर की अनिवार्यता के निर्देश दिए हैं। इस कदम से बालिकाओं में प्रताडऩा संबंधी अपराधों में निश्चित रूप से कमी आएगी। एसडीओपी से निवेदन किया है कि शहर में चल रहे आटो चालकों का भी सत्यापन करें जिससे महिलाओं एवं बालिकाओं को स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण मिल सके। इस अवसर पर युमो के जिला उपाध्यक्ष जोगिन्दर सिंघ, मनीष ठाकुर, पार्षद यज्ञदत्त गौर, राकेश जाधव, अजय सिंह राजपूत, निश्चल मालवीय, अंकित दीक्षित, यश श्रीवास्तव, दीपमाला यादव, रजनी रैकवार, शालिनी यादव सहित अनेक लोग मौजूद थे।
कंडक्टर पहुंच गया छात्रा के घर
उल्लेखनीय है कि जमानी रोड पर स्थित एक स्कूल की बस में कंडक्टर उसी स्कूल की एक छात्रा को लंबे समय से तंग करता था, वह छात्रा को कोचिंग आते और जाते वक्त पीछा करता था और कमेंट्स करता था। शुक्रवार को उसने छात्रा के घर तक पहुंचने की हिमाकत की तो छात्रा की मां ने उसे पकड़कर मोहल्ले वालों की मदद से पुलिस को सौंपा। इससे पहले युवक सोहेल पठान पिता फिरोज खान 20 वर्ष की मोहल्ले के लोगों ने जमकर पिटाई की और फिर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने युवक के खिलाफ धारा 354 का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
इनका कहना है…
हमने पहले भी स्कूल बसों के चालक-परिचालकों के सत्यापन कराए हैं, पुन: कराएंगे। स्कूल बसों में महिला कंडक्टर रखने की मांग की गई है, हम स्कूल प्रबंधन से चर्चा करके इस दिशा में पहल कराएंगे।
अनिल शर्मा, एसडीओपी
एक स्कूल बस का कंडक्टर एक बच्ची को काफी परेशान कर रहा था। कोचिंग के वक्त, बाजार जाने के समय वह अक्सर परेशान करता था। बच्ची उससे काफी भयभीत हो गयी थी। कल वह घर पहुंचा तो बच्ची की मांग ने दबंगता का परिचय दिया और मोहल्ले के लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया। हमारी मांग है कि स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों के चालकों और परिचालकों की संपूर्ण जानकारी पुलिस के पास होना चाहिए।
मनीष ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्ता

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