इटारसी। प्रदेश के इस प्रमुख रेल जंक्शन पर आगजनी की घटनाओं के बावजूद रेलवे ने कोई सबक नहीं लिया है। वर्तमान में बड़ी आगजनी से निपटने यहां कोई खास या तकनीकि इंतजाम किये हों, ऐसा धरातल पर दिखाई नहीं देता है। आज भी इक्का-दुक्का अग्नि शमन यंत्र और शहर की फायर ब्रिगेड के भरोसे यहां रेलवे प्रशासन रेल पथ संचालन कर रहा है।
इटारसी रेलवे स्टेशन पर वैसे तो दर्जनों छोटी और बड़ी आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं परंतु यह सब दैवीय प्रकोप मानकर यहां रेलवे अपना कार्य करती हुई नजर आ रही है। दरअसल 8 मई को प्लेटफार्म क्रमांक एक पर लगी भयानक आगजनी की घटना में लाखों रुपए का नुकसान हुआ था। उसे पूरा एक वर्ष हो गया है। ऐसे में हमने यहां के हालातों का जायजा लिया और पाया कि जिस खानपान रेस्टॉरेंट में यह आग लगी थी वह आज भी इस हादसे के बाद पुन: प्रारंभ नहीं हो सका है। यहां लिपाई-पुताई के बाद नयी विद्युत वायरिंग तो हो गई है लेकिन अभी इसमें सेफ्टी टीम की अनुमति नहीं मिल सकी है। इधर अन्य खानपान स्टाल्स पर भी महज इक्का-दुक्का अग्निशमन यंत्र मिले हैं जो खाली थे। बताया गया है कि उन्हें पुन: भरने भेजा है। वहीं प्लेटफार्म क्रमांक एक पर सुचेता उईके स्टाल्स पर अग्निशमन यंत्र है ही नहीं बल्कि उसके सथान पर वेंडर अपने कपड़े आदि टांग रहे हैं।
इसके अतिरिक्त छोटे स्टाल्स पर इलेक्ट्रिक चूल्हे भी जलाये जा रहे हैं जिसमें शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बनी रहती है। परंतु इसके लिए स्टाल संचालक जागरुक नहीं हैं और यहां अग्नि शमन जैसे कोई यंत्र नहीं रखे हैं। ज्ञात रहे कि पंद्रह दिन पूर्व यहां सेफ्टी कमिश्नर द्वारा भेजी गई तीन सदस्यीय टीम ने दौरा किया था।
हटायीं रेत से भरी बाल्टियां
देशभर के रेलवे स्टेशनों पर आगजनी से निबटने के लिए अपने सभी विभागों में तथा सभी प्लेटफार्मों पर रेत से भरी बाल्टियां रखी थीं परंतु समय के साथ इन सभी बाल्टियों को रेलवे ने नयी व्यवस्था के नाम पर एक-एक करके हटा लिया है। आज हालात यह है कि कभी एक नंबर प्लेटफार्म पर एक दर्जन से अधिक स्थानों पर रेत की आधी भरी बाल्टियां स्टैंड में सजी हुई दिखती थी। आज ये सभी बाल्टियां नदारद है।
आरआरआई में है फायर अलार्म
करीब चार वर्ष पूर्व आरआरआई, अर्थात रूट रिले इंटीग्रेशन सिस्टम सेंट्रल केबिन में भयानक आग लगी थी और करीब दो माह तक समूचे देश में रेलपथ संचालकन तकनीकि रूप से प्रभावित होकर मैन्युएल संचालित हुआ था। तब रेलवे ने यहां तमाम सुधार करके पुराने फायर अलार्म को बदलकर नया फायर अलार्म विदेश से बुलाकर लगवाया है जो बीड़ी-सिगरेट के धुएं को भी पकड़ लेता है और सतर्क कर देता है। इसके अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे और सीजफायर भी यहां लगे हुए हैं, लेकिन समूचा रेलवे स्टेशन इन व्यवस्थाओं से लैस नहीं है।
इनका कहना है…!
रेलवे ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराये हैं उनमें हम आगजनी की घटनाओं को रोकने का प्रयास करते हंै। सभी कक्षों में हमने सीज फायर लगा रखे हैं। लेकिन असल बात तो यह है कि बड़ी आगजनी के लिए हमारे पास अपनी कोई फायर ब्रिगेड नहीं है। हमें नगर पालिका से ही मदद लेनी पड़ती है। जबकि हमारे पास भरपूर पानी है। सेफ्टी कमिश्नर के दौरे और रिपोर्ट अभी हमें नहीं मिली है और ना ही कोई निर्देश मिले हैं।
एसके जैन, स्टेशन अधीक्षक