बाजारों में होगी धन वर्षा, करोड़ों का होगा कारोबार

60 साल बाद बन रहा खरीदारी का शुभ संयोग

बाजारों में होगी धन वर्षा, करोड़ों का होगा कारोबार

चतुर्थ योगों का महासंयोग के साथ शनि-गुरु की युति रहेगी

इटारसी। मां चामुंडा दरबार भोपाल के पुजारी गुरु पं. रामजीवन दुबे ने बताया की कार्तिक कृष्ण पक्ष (Kartik Krishna Paksha) अष्टमी गुरूवार 28 अक्टूबर को गुरू पुष्य सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृृत सिद्धि योग, रवि योग का चतुर्थ संयोग बना है। बजारों में धन वर्षा होगी। धरतेरस (Dhanteras) के चार दिन एवं दिपावली के छह दिन पहले यह संयोग बना है।

शुभ समय
स्थिर लग्न वृश्चिक सुबह 7:22 से 9:33
कुंभ दिन में 1:31 से 3: 4 बजे तक
शाम वृषभ लग्न 6: 15 से 8: 14 तक

चौघडिय़ानुसार
प्रात: 6:00 से 7: 30 शुभ
सुबह: 10:30 से 12: 00 चर
होपहर: 12: 00 से 1: 30 लाभ
दिन: 1: 30 से 3:00 अमृत
दिन: 4:30 से 6: 00 शुभ
शाम : 6:00 से 7:30 अमृत
रात्रि: 7:30 से 9:00 चर

क्रय-विक्रय मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय है। पुष्य नक्षत्रों का राजा माना गया है। भगवान राम का जन्म नक्षत्र भी है। सर्वार्थ सिद्धी, अमृत सिद्धी, रवि योग तीनों योग महान माने गए हैं। खरीदारों से गुलजार होगा बाजार, अच्छी होगी खरीदारी: दीपावली से पहले इस बार गुरु पुष्य का संयोग बना है। अक्सर दीवाली पर बुधवार, रविवार, सोमवार को पुष्य नक्षत्र आता है लेकिन जब भी दीवाली से पहले गुरुवार को पुष्य नक्षत्र आता है तो स्वर्ण आभूषण की अच्छी खरीदारी होती है। देव उठनी ग्यारस से शादी का सीजन भी शुरू होगा। इसके चलते गुरु पुष्य में खरीदारों से बाजार गुलजार होने की पूरी संभावना है। इसके खास मौके के लिए सराफा बाजार को विद्युत सज्जा से सजाया जाएगा।

गुरु पुष्य योग में विद्वान ज्योतिषियो का कहना हैं कि पुष्य नक्षत्र में धन प्राप्ति, चांदी, सोना, नये वाहन, बही-खातों की खरीदारी एवं गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए ज्यादा लाभ प्रदान करती है। मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी अधिक समय तक स्थायी और समृद्धि प्रदान करती है। इस दिन की गई सुवर्ण अथवा गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुए अत्याधिक लाभ प्रदान करती है। गुरु पुष्य योग के दौरान पीला पुखराज धारण करना इस दिन अत्यन्त शुभ फलदायी माना गया है।

भारत में दीपावली और धनतेरस जैसे त्योहारों पर खरीदारी की पुरानी परंपरा है। इस साल दिवाली और धनतेरस से पहले खरीदारी का बहुत शुभ मुहूर्त बनने जा रहा है। गुरूजी के मुताबिक, दिवाली से पहले खरीदारी के लिए महामुहूर्त गुरु पुष्य नक्षत्र 60 साल बाद शनि-गुरु की युति में आ रहा है। 28 अक्टूबर को मकर राशि में शनि-गुरु की युति रहेगी और पुष्य नक्षत्र की शुभता को बल मिलेगा।

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