अखिल भारतीय महात्मा गांधी मेमोरियल हॉकी प्रतियोगिता

Post by: Rohit Nage

All India Mahatma Gandhi Memorial Hockey Competition

इटारसी की प्राचीन, समृद्ध और जीवंत परंपरा, विरासत का एक अटूट हिस्सा है, जो तमाम झंझावतों एवं विपरीत हालातों के बावजूद आज भी निरंतर, अनवरत है, चलायमान है। और इसका श्रेय बहुत थोड़े बेहद सकारात्मक, जीवट, जीवंत और मजबूत इच्छा शक्ति वाले डीएचए के के वॉलिंटियर्स को जाता है।

मध्यप्रदेश में वर्तमान में ‘मिट्टी के मैदान पर हॉकी’ प्रतियोगिता एक दुर्लभ और विलुप्त हो रही विधा है, जो आज भी इटारसी में जारी है। लगभग सभी जिलों में एस्ट्रोटर्फ (कृतिम घास का मैदान) या तो लग चुका है, या लगने के तैयारी में है। इटारसी में भी इसकी महती अनिवार्यता है, लेकिन प्रशासन में व्यवस्था में बैठे लोगों की बलिहारी है। भारत के महानतम व्यंगकार शरद जोशी की एक कालजई रचना है, जिसका शीर्षक है ‘जीप पर सवार इल्लिया’ जो कहीं न कहीं गांधी ग्राउंड में एस्ट्रोटर्फ न लगने से संदर्भित है।

बहरहाल, इसी परंपरा के निर्वहन के चलते 05-01-25 को इटारसी के गांधी ग्राउंड में महात्मा गांधी अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता का प्रारंभ हुआ, जिसका पहला मैच, हॉकी इटारसी विरुद्ध निमाड़ क्लब के मध्य हुआ, जो इटारसी के पक्ष में, एकतरफा 9-0 से समाप्त हुआ। ्रप्रथम गोल मयंक जेम्स ने अद्भुद तरीके से करके सभी को रोमांचित किया। शॉन ने जो दो गोल किये, उससे शॉन की हॉकी में सिद्धहस्तता को प्रमाणित किया। श्वेतांक जेम्स द्वारा किया एक गोल जो डिफ्लेक्शन से हुआ, जो बेशक एक उच्च स्तरीय, बेहद कलात्मक गोल था। संजू राजपूत ने 2 गोल किये, इस खिलाड़ी ने पूरे 60 मिनट तक, हर दर्शक को अपने संतुलित और गतिशील खेल से प्रभावित किया।

गोलू भाटिया ने पेनॉल्टी कॉर्नर में, मिट्टी के मैदान में, ड्रैग फ्लिक से जो गोल किया, वो बेहद कठिन और असंभव सा काम है, लेकिन गोलू ने ऐसा कर मैदान के हर दर्शक को चकित और अभिभूत कर दिया। गाजी ने दो गोल किये, एक कम उम्र का बेहद प्रतिभावान खिलाड़ी है गाजी। इसका स्टिक वर्क, गेंद के साथ स्प्रिट, और हॉकी के प्रति गहरी समझ लाजवाब, अद्भुद है।

गाजी, अर्थात ‘पूत का पांव पालने में’ दिखाई दे रहे हैं। हॉकी इटारसी ने टोटल हॉकी का, आपसी समझ और संतुलन का जो प्रदर्शन किया, उस हेतु हर खिलाड़ी बधाई का पात्र है। साउथ सेंट्रल रेलवे और इंडियन रेलवे के पूर्व खिलाड़ी मयंक जेम्स ने हॉकी की गहरी समझ एवं अपने शानदार स्टिक वर्क के साथ 60 मिनट खेल को जैसा चलाया, संचालित किया, इस हेतु उसे बारंबार साधुवाद। हॉकी इटारसी आगे भी ऐसा कैलीबर, मोमेंटम और मजबूत मन:स्थिति बने रखे ऐसी हम सभी उम्मीद करते हैं।

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Akhil Dubey
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