अखिल दुबे, इटारसी। इस छोटे से कस्बे में फुटबॉल को प्रमोट करने की सोच और उसको अमली जामा पहनाना ही बेहद रोमांचकारी है। फाइटर फुटबॉल क्लब के खिलाडिय़ों, पदाधिकारियों और तमाम वॉलिंटियर्र्स का पूरी आत्मीयता से आभार, अभिनंदन, कृतज्ञता। इटारसी में पहली बार अखिल भारतीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन इटारसी में खेलों को, फुटबॉल को बढ़ावा देने, इटारसी के स्थानीय नवोदित फुटबॉल खिलाडिय़ों को संबल प्रदान करने हेतु, खेलों में सकारात्मक माहौल प्रदान करने हेतु विजयाराजे सिंधिया खेल प्रशाल, खेड़ा इटारसी में किया गया। निश्चित रूप से परंपरा से हटकर, लीक से हटकर फुटबॉल के लिए ऐसा आयोजन एक अद्भुद, असाधारण, बेहद दुरूह, कठिन काम था, लेकिन इसे सफलता पूर्वक, विधिवत तौर पर करना बेहद सुखद है।
बहुत थोड़े से पराक्रमी, पुरुषार्थी लोग हैं फाइटर फुटबॉल क्लब में, जिनके चलते ऐसा भव्य आयोजन हुआ। सत्यम अग्रवाल, निपुण गोठी, रितेश शर्मा, अजय चौधरी, भागवत सिंह राजपूत, महेंद्र मालवीय, महेश, विशाल कुशवाहा आदि ये ऐसे नाम हैं, जिनकी मजबूत इच्छाशक्ति, सकारात्मक भाव, नि:स्वार्थ सोच और आत्मीय समर्पण के चलते, फुटबॉल के प्रति असीमित आसक्ति के चलते ये प्रतियोगिता संभव हो पाई। पहली बार में ही 16 टीम की हिस्सेदारी, लाखों का खर्च, इस फाइटर फुटबॉल क्लब के वॉलिंटियर ने ही वहन किया है। सब कुछ, सारा कुछ अपनी दृष्टि, अपनी क्रिएटिविटी, अपने बुद्धि कौशल पर ही निर्भर करता है। 7 दिन तक पूरा समय देना है, परिश्रम करना है, धन भी देना है, आलोचना भी सहन करनी है, और इस सबके उपरांत प्राप्ति क्या होना है ? कुछ नहीं, शून्य, निरंक। तो फिर काहे किया ये आयोजन? क्योंकि इन्हें फुटबॉल से प्रेम है, इन्हें खेलों से लगाव है, इनमें साहस है, इनमें जीवंतता है।
खेल मैदान के समतल स्वरूप, उसकी हरियाली ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। शायद जिले में ऐसा खेल ग्राउंड कहीं नहीं। इसका रखरखाव, इसके मेंटेनेंस के लिए भागवत सिंह राजपूत का आभार, अभिनंदन। इस शुरुआत के बाद, ये प्रतियोगिता प्रतिवर्ष हो, और बड़े स्वरूप में हो, और ज्यादा व्यवस्थित हो, ऐसी कामना हम आप सभी से करते हैं। एक बात और, अजय चौधरी, भागवत राजपूत, सत्यम अग्रवाल, रितेश शर्मा, निपुण गोठी की मेरी वैचारिकता और चिंतन प्रक्रिया में एक बात मुझे बार बार आनंदित, प्रफुल्लित, आंदोलित और रोमांचित करती है, कि फुटबॉल जैसे दुनिया के 5 सबसे कठिन, कलात्मक, वैज्ञानिक, ऊर्जा, गति, जुझारूपन, मजबूत शारीरिक कदकाठी वाले खेल के प्रमोशन को लेकर आप लोगों ने सोचा, उसे व्यावहारिकता में एक्जीक्यूट किया, इटारसी जैसे साधारण कस्बे में।