इटारसी। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह के पक्ष में जयस्तंभ चौक पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में राजनीतिक वातावरण जैसा हुआ है, अगर उसकी शुद्धिकरण हमें करना है, परिवर्तन लाना है और अगर हम मानते हैं कि राजनीति अब एक कीचड़ हो चुकी है और उस कीचड़ को परिवर्तित करना है तो वह परिवर्तन, क्रांति, बदलाव उस कीचड़ से दूर रहकर नहीं हो सकेगा। उस कीचड़ में आपको और हमें कूदना होगा, उस कीचड़ में हमें संघर्ष करना होगा, मंथन करना होगा।
सभा में प्रत्याशी सरताज सिंह, पूर्व मंत्री विजय दुबे काकूभाई, पूर्व विधायक अंबिका प्रसाद शुक्ला, जिलाध्यक्ष कपिल फौजदार, पूर्व सांसद महाराष्ट्र नाना पटोले, सविता दीवान, पंकज राठौर, अशोक दुबे, राजेन्द्र ठाकुर, पाली भाटिया, अशोक जैन सहित महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, सेवादल सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। श्री सिंधिया ने कहा कि संघर्ष, मंथन होगा तो उस कीचड़ से अवश्य अमृत निकलकर आएगा। मैं यहां आज दो कारण से आया हूं कि इस इटारसी से मेरे पिताजी का पारिवारिक संबंध रहा है, सिंधिया परिवार के मुखिया ने सदैव इटारसी की प्रगति में योगदान दिया है। यहां के रेलवे के विकास में योगदान दिया है। इटारसी को मॉडल स्टेशन, बेस किचिन, ट्रेनों का स्टॉपेज कराके पूरे देश के साथ जोड़ दिया। उनकी सोच और विचारधारा थी कि जो भी पल मिले उसके आधार पर जनता का विकास हो पाए। उस बुलंद नींव के आधार पर मैं सामने खड़ा हूं। दूसरा कारण है, अच्छे व्यक्ति को आप भेजें, सरताज सिंह के रूप में। इनसे मेरे तीन पीढ़ी के संबंध हैं। मेरे सरताज सिंह में वो क्षमता है, ये जब भाजपा में थे, तब भी हमारे थे। सिंधिया परिवार से इनके तीन पीढ़ी के संबंध हैं। आज हालत यह है कि गरीबी को खाना नहीं, किसान को दाम नहीं, महिलाओं को सुरक्षा नहीं, नौजवान को काम नहीं और शिवराज सिंह को चिंता नहीं। किसान को फसल का दाम नहीं मिल रहा।
मंडी में किसान अनाज ले जाता है तो सात दिन तुलाई नहीं होती, जब तक पैसे न दें। सात दिन किसान ट्राली के ऊपर और सात रात ट्राली के नीचे होता है। तुलाई होती है और जब हाथ में चेक आता है, तो सात दिन मंडी का और सात दिन बैंक का चक्कर। मोदी और शिवराज के राज में चक्कर ही चक्कर है। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। अवैध उत्खनन नर्मदा किनारे जोरों पर है, विदेश से पढ़ाई करके आने वाले भी रेत के ठेके ले रहे हैं। नर्मदा, चंबल और सिंध खोद दी। नर्मदा में रेत माफियाओं के लिए सड़क बना दी। शिवराज की सड़कों में सैंकड़ों गड्ढे हैं। कांग्रेस की सरकार रेत के ठेके कैंसिल करके गरीबों के हित में वो रेत दिलावाएंगे। आप सतर्क नहीं हुए तो भाजपा के शासन में रेत भी राशन में मिलेगी। राशन की दुकानों पर भाजपा का कब्जा है। वृद्धावस्था, विधवा पेंशन नहीं मिलता। खसरा, खतौनी निकालनी है तो नोट। भाजपा दो ही बातों में विश्वास रखती है, नोट और वोट। गरीबों के नाम गरीबी रेखा से काटकर भाजपा के लोगों के ठूंसे गए हैं। जॉब कार्ड निरस्त हो रहे हैं। जिस सरकार ने आपका जॉब कार्ड निरस्त किया है, 28 नवंबर को उसका ही जॉब कार्ड आप निरस्त कर दीजिए।
व्यापमं कांड में गरीब के लायक बेटे को नौकरी नहीं मिली, अमीर के नालायक बेटे को रिश्वत देकर नौकरी अवश्य मिलेगी। दो हजार छात्र जेल में 35 केस, 28 लाख लेकिन मगरमच्छ मजे में। मैंने सोचा था मुन्नाभाई तो केवल मुंबई के बॉलीवुड पिक्चर में होता है, लेकिन शिवराज ने बताया कि मुन्नाभाई तो मध्यप्रदेश में पैदा होता है। नया नारा निकला है, क्या रखा है, किताबी संसार शेष में, आओ बिना पढ़े बनो डाक्टर मध्यप्रदेश में। उज्जैन के कुंभ को भ्रष्टाचार के कुंभ में परिवर्तित कर दिया। धर्म के क्षेत्र में राजनीति की कोई जगह नहीं और राजनीति के क्षेत्र में धर्म की कोई जगह नहीं होना चाहिए। छाती ठोककर कहते हैं, कसम गीता की हम मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे।
भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जाली नोट मिटाएंगे के नाम पर नोटबंदी करके देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया। व्यापारी परेशान हैं। प्रधानमंत्री कहा करते थे, गरीब चैन की नींद सोएगा और अमीर नींद की गोली खाएगा। लेकिन हुआ क्या? आप लाइन में खड़े थे और भाजपा के नेता बैंक के पीछे से अपने काला का सफेद कर रहे थे। मैं आपसे आह्वान करना चाहता हूं, आप 28 तारीख को नोटबंदी वाली सरकार पर वोटबंदी लागू कर दीजिए। मप्र को संवारना है, रोजगार नहीं मिल रहा है। किसी भी प्रधानमंत्री ने इतिहास में ऐसी योजना नहीं आए जिसके कारण देश के 125 नागरिकों की जान गयी हो। मप्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नौजवानों के साक्षरता के सर्टिफिकेट को बेरोजगारी सर्टिफिकेट में तब्दील कर दिया। एक भी इंडस्ट्री नहीं लगी, केवल रेत माफिया की इंडस्ट्री लगी है। कांग्रेस की सरकार आएगी हम औद्योगिक क्रांति लाएंगे। हर नौजवान जो प्रशिक्षण ले रहा है, उसे हर माह चार हजार रुपए दिए जाएंगे।