अगहन महीने के रविवार को सूर्य पूजा, व्रत और जरूरी चीजों का दान करने से खत्म होता है हर दोष
इटारसी। कार्तिक में छठ पूजा (chhath puja in kartik) करने वाली महिलाएं अगहन (Aghan) और वैशाख महीने में भी भगवान सूर्य की पूजा करती हैं। मार्गशीर्ष महीने की सप्तमी तिथि और रविवार को उगते हुए सूरज को जल चढ़ाया जाता है और दिनभर व्रत रखकर श्रद्धानुसार जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है। पुराणों में बताया गया है कि अगहन महीने के देवता भगवान विष्णु हैं और सूर्य इन्हीं का ही एक रूप है। इसलिए इन्हें सूर्य नारायण कहा जाता है। शुक्रवार को सप्तमी तिथि थी अब 12 दिसंबर, रविवार होने से इस दिन सूर्य पूजा का महत्व रहेगा।
अगहन में सूर्य की पूजा
रविवार को सूर्य पूजा का उतना ही फल होता है जितना कार्तिक की छठ पूजा करने से मिलता है। मार्गशीर्ष महीने में पवित्र नदी या किसी तीर्थ में स्नान कर के उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए। जल चढ़ाते वक्त सूर्य के मित्र स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। या
कपड़ों का दान
रविवार को सूर्य पूजा के बाद पूरे दिन जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, अन्न, गुड़, तांबे के बर्तन, कंबल, बिस्तर और अन्य जरूरी चीजों का दिन किया जाता है। साथ ही इस दिन बिना नमक का व्रत रखा जाता है। यानी दिनभर में किसी भी तरह से नमक नहीं खाया जाता। अगहन महीने में रविवार को पूर्णिमा तिथि होने से इस दिन सूर्य पूजा करने का महत्व और बढ़ जाता है।