काशी-तमिल संगमम के माध्यम से ज्ञान के सदियों पुराने बंधन को खोजने का प्रयास

Post by: Rohit Nage

इटारसी। उत्तर एवं दक्षिण भारतीय संस्कृति को सहेजे हुए काशी-तमिल संगमम की तीसरी ट्रेन आज 23 नवंबर को मंडल के इटारसी स्टेशन पर पहुंचने पर ट्रेन में सवार प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया गया।

तीसरी ट्रेन संख्या 22670 पटना-एर्नाकुलम सुपरफास्ट ट्रेन में यात्रा कर रहे डेलीगेट्स जब इटारसी स्टेशन पर पहुंचे तो उन सभी डेलीगेट्स का जोरदार स्वागत किया गया। स्वागत से अभिभूत सभी डेलीगेट्स के चहरे खुशी से खिले हुए नजर आ रहे थे। काशी-तमिल संगमम 2022 ‘आजादी का अमृत महोत्सवÓ के हिस्से के रूप में भारत सरकार की एक पहल है। यह ‘एक भारत श्रेष्ठ भारतÓ की भावना का उत्सव होगा और तमिल भाषा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का भी उत्सव मनाया जा रहा है।
काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान के सदियों पुराने बंधन और प्राचीन सभ्यतागत जुड़ाव को फिर से खोजने के लिए वाराणसी में 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक महीने भर चलने वाला ‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इन ट्रेन सेवाओं में तमिलनाडु के कुल 2592 प्रतिनिधि शामिल होंगे जिसके प्रत्येक रेक में 216 यात्री होंगे तथा यह ट्रेन मार्ग में 21 स्टेशनों पर रुकेंगी। उक्त यात्रा का उद्देश्य आईआईटी चेन्नई और बीएचयू के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, भारतीय संस्कृति की दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों/विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान-सेमिनार, चर्चा आदि दोनों के बीच संबंधों और साझा मूल्यों को सामने लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। व्यापक उद्देश्य दो ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत को बनाना और समझना और क्षेत्रों के बीच लोगों से लोगों के बंधन को गहरा करना है।

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