Sahitya

बहुरंग : किताबें करती हैं बातें …

Manju Thakur

– विनोद कुशवाहा

*कर्तव्यों व अधिकारों के मध्य संतुलन ही है धर्म : कोरोना महाभारत के आध्यत्मिक मर्म*

Manju Thakur

*प्रसंग-वश- चंद्रकांत अग्रवाल* दूरदर्शन पर तो महाभारत ने विराम लेकर बिदा ले ली पर कलर्स व स्टार प्लस पर दो ...

लॉक डाउन : आध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष

Manju Thakur

विशेष आलेख : डॉ. अर्पणा श्रीवास्तव

बहुरंग : शराब चीज ही ऐसी है …!

Manju Thakur

– विनोद कुशवाहा पंकज उदास ने इस ग़ज़ल को जब अपना स्वर दिया था तो उन्होंने सोचा भी नहीं होगा ...

लॉक डाउन : मध्यमवर्गीय पारिवार का द्वन्द और समाधान

Manju Thakur

बहुरंग में सतीश “सब्र’ की कहानी हौंसला शहर में संघर्ष नामक कर्मठ, चिंतनशील मध्यमवर्गीय युवा है। उसकी पत्नी इक्षा पढ़ी ...

संजय की ‘रामलीला’ के रंग : “देवदास” के संग

Manju Thakur

आज बहुरंग में विनोद कुशवाहा के संग  संजय लीला भंसाली फ़िल्म इंडस्ट्री की पहली ऐसी शख़्सियत हैं जिन्होंने अपने साथ ...

लेखन में परिवार का सहयोग मिला : नीता श्रीवास्तव सिन्हा

Manju Thakur

नीता श्रीवास्तव देश की बहुचर्चित कथाकार हैं । कहानीकार हैं । हिंदी की विख्यात महिला कथाकारों के बीच उनका नाम ...

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