मुख्यमंत्री ने वर्चुअल संवाद में उद्योगपतियों को दिया भरोसा, स्थानीय उद्योगों को मिलेगी प्राथमिकता

Post by: Rohit Nage

Chief Minister gave assurance to industrialists in virtual dialogue, local industries will get priority
  • मुख्यमंत्री ने नर्मदापुरम के उद्योगपतियों से किया वर्चुअल संवाद
  • सभी को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए आमंत्रित भी किया

नर्मदापुरम। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में आयोजित होने वाले क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन से पहले नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘मध्य प्रदेश में उद्योगपतियों का स्वागत है। हमारी मंशा है कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सबसे पहले स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले और वर्तमान में संचालित उद्योगों को विस्तार करने में सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं।’

मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए कि उद्योगपतियों को किसी भी प्रकार की वैधानिक समस्याओं का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा, उद्योगपतियों की सहायता से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है और रोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं। आप सभी आगे आएं, नए उद्योग स्थापित करें और युवाओं को रोजगार देकर प्रदेश के विकास में सहभागी बनें। स्थानीय उद्योगों को मिलेगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उद्योगों को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने जोर देकर कहा, हमारा प्राथमिक उद्देश्य है कि सबसे पहले स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिले। इसके बाद राज्य, राष्ट्रीय और अंतत: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उद्योगपतियों को अवसर दिया जाएगा। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी है, और इसे हमने बहुत बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया है।

उद्योगों के विस्तार और निवेश की नई संभावनाएं मुख्यमंत्री ने इस दौरान नर्मदापुरम के कई उद्योगपतियों से व्यक्तिगत चर्चा की। उन्होंने हरदा के राइस मिल मालिकों से अपने उद्योगों का विस्तार करने का आग्रह किया और मूंग दाल मिल के मालिक जसप्रीत सिंह से कहा कि उनके पास अतिरिक्त मूंग हो तो उसे उज्जैन के व्यापारियों को भी उपलब्ध कराएं। उन्होंने एमएसएमई के माध्यम से उद्योग शुरू करने वाली ज्योति अग्रवाल और कैटल फीड इंडस्ट्री के मालिक नरेंद्र सिंह तोमर की सफलता की सराहना की। निर्मल मसाला इंडस्ट्री के मालिक श्री राजपूत ने बताया कि उनकी मसाला मिल 42 प्रकार के मसालों का उत्पादन करती है, जो 12 जिलों में वितरित किए जाते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, आपके मसाले एमडीएच मसालों की तरह प्रसिद्ध हों, ऐसी मेरी शुभकामनाएं हैं।

निवेश और विकास के लिए व्यापक दृष्टिकोण मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदापुरम क्षेत्र में कृषि उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण के साथ अन्य सेक्टर में भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने उद्योगपतियों से अपील की कि वे अपने मौजूदा व्यवसायों के साथ नए उद्योग क्षेत्रों में भी निवेश करें। उन्होंने कहा, हमारी सरकार उद्योगपतियों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आपके सहयोग से ही क्षेत्रीय विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की ओर समग्र प्रयास मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नर्मदापुरम के बाद जनवरी में शहडोल में भी क्षेत्रीय उद्योग सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इन सम्मेलनों की कड़ी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट तक पहुंचेगी।

मुख्यमंत्री ने हाल ही में अपने यूके और जर्मनी दौरे का भी उल्लेख किया, जिसके माध्यम से प्रदेश को 78,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित हुआ है। विकास में उद्योगपतियों की अहम भूमिका मुख्यमंत्री ने कहा, उद्योगपति प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी हैं। उनके प्रयासों से ही रोजगार के अवसर सृजित होते हैं और क्षेत्रीय विकास को गति मिलती है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के माध्यम से हम प्रदेश के सभी उद्योगपतियों को स्थानीय स्तर पर मजबूत बनाने का प्रयास कर रहे हैं। नर्मदापुरम के माध्यम से संभावित क्षेत्रों पर व्यापक चर्चा होगी, जिससे क्षेत्रीय विकास के नए रास्ते खुलेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी उद्योगपतियों को सम्मेलन में भाग लेने का निमंत्रण देते हुए कहा कि यह आयोजन निवेश और विकास के अवसरों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का मंच प्रदान करेगा। प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने 7 दिसंबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। उज्जैन जिले के प्रभारी एवं कौशल विकास एवं रोजगार राज्य (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल भी वी सी में शामिल हुए।

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