इटारसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आह्वान पर इस समय देश तिरंगा उत्सव (Tiranga Utsav) में डूबा है। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) का उत्साह सिर चढ़कर बोल रहा है। ऐसे में पारंपरिक त्योहार भी कैसे पीछे रह सकते हैं। राखी को तिरंगा उत्सव (Tiranga Utsav) से जोडऩे की अनूठी पहल की है, रेलवे में कार्यरत स्टेशन मास्टर और उनके परिवार ने। ये परिवार हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करता है।
रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर कार्यरत स्टेशन मास्टर (Station Master) विनोद चौधरी और उनके परिवार ने इस बार रक्षाबंधन (Rakshabandhan) को तिरंगा उत्सव से जोड़ा है। उन्होंने पांच प्रकार की मिट्टी से राखी बनायी है, इसमें मसालों, अनाज से कलाकृति बनायी है और लकड़ी की तीली से तिरंगे का डंडा बनाया। इस परिवार ने इसकी केवल लागत मूल्य पर इसे वितरण का विचार किया है। केवल एक हजार राखियां हैं, जो ऑडिटोरियम (Auditorium) में जहां से नगर पालिका (Municipality) का तिरंगा विक्रय का स्टॉल (Stall) है, वहीं ये राखियां भी रखी जाएंगी। संभवत: बुधवार से यह स्टॉल भी प्रारंभ हो जाएगा।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एमएस रघुवंशी (Sub Divisional Officer Revenue MS Raghuvanshi) ने श्री चौधरी के इस कार्य की प्रशंसा करते हुए तिरंगा विक्रय स्टॉल के पास एक राखी स्टॉल लगाने की मौखिक अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचार से लोगों के मन में तिरंगे के सम्मान की भावना भी प्रबल होगी, राखी को देश की मिट्टी से जोडऩा फिर उसे देश की शान के प्रतीक तिरंगे से जोडऩा अच्छी पहल है।
इन चीजों से बनी है राखी
तिरंगा राखी खडिय़ा मिट्टी, मुलतानी मिट्टी, रामरच, गेरू और हिरमची से बनी है। इसकी साज-सज्जा में राई, अलसी, साबूदाना, मूंगदाल और चावल से कलाकृति उकेरी है। इसमें कॉटन चिपकाकर तिरंगा बनाया है, फिर पूजा के दौरान हाथ में बांधा जाने वाले धागा लगाकर इसे तैयार किया है। विनोद चौधरी का कहना है कि यह पूरी तरह से इको फे्रन्डली राखी है, और उम्मीद करते हैं, यह पंरपरा और देशप्रेम का संगम के तौर पर पसंद की जाएगी।