इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय में 75 वे संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ताओं ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना, निर्माण, स्रोत, मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य, स्वतंत्र न्यायपालिका, सरकार का गठन राज्य के नीति निर्देशक तत्व, संविधान का लोकतंत्र में महत्व आदि विषयों पर विचार व्यक्त किये।
मुख्य वक्ता प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि भारतीय संविधान को राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान जागृत राजनीतिक चेतना का परिणाम माना जाता है। भारतीय संविधान आजादी के 77 वर्षों के पश्चात भी एक जीवंत दस्तावेज की तरह अपना अस्तित्व बनाए हुए है। यह देश व समाज की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समय के साथ विकसित और बदलता रहता है। आइक्यूएसी प्रभारी डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि ‘संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, यह एक मार्गदर्शक है, जो समाज को दिशा देता है।’ उनका मानना था कि संविधान में हर उस समस्या का समाधान है, जो किसी देश को उन्नति की राह पर ले जा सकता है।
उन्होंने इसे भारतीय लोकतंत्र की आत्मा कहा था। उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं और हमारे संविधान को समझने व उसे सम्मान देने की याद दिलाते हैं। संविधान दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि उनके दिखाए रास्ते पर चलकर हम समाज में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे का संदेश फैलाएंगे। रविंद्र चौरसिया ने कहा कि हम सभी को संविधान का ज्ञान होना चाहिए ताकि हम अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों से परिचित हो सके।
संचालन कर रहे विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी स्नेहांशु सिंह ने किया। कार्यक्रम में श्रीमती पूनम साहू, डॉ हर्षा शर्मा, डॉ शिरीष परसाई, डॉ संजय आर्य, शिखा गुप्ता, डॉ श्रद्धा जैन, डॉ नेहा सिकरवार, हेमंत गोहिया, प्रिया कलोसिया, करिश्मा कश्यप, क्षमा वर्मा, तरुणा तिवारी, श्रीमती शोभा मीणा, मंथन दुबे तथा छात्राएं उपस्थिति थीं।