वे पांच संदेश जो युवाओं के लिए आवश्यक हैं

Post by: Rohit Nage

इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन हुआ। इस सभा का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समझ दीप प्रज्वलन एवं माल्र्यापण से किया। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. केएस उप्पल (Dr. KS Uppal) थे। उन्होंने मुख्य वक्ता के रूप में नारी, शिक्षा एवं युवाओं को 5 संदेश दिए। आत्मा की अमरता, विनम्रता का आचरण, माता-पिता एवं गुरूओं के प्रति समर्पण, प्राणी मात्र में परमात्मा के दर्शन की शिक्षा, चरित्र निर्माण में युवाओं के लिए सहायक होगी। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा (Dr. RS Mehra) ने कहा कि विवेकानंद जी ने भारतीय सनातन संस्कृति में अटूट श्रद्धा रखकर वसुदेव कुटुंबकम एवं सर्वधर्म समभाव के दर्शन से ही पूरी दुनिया को संदेश दिया जो युवाओं को अपने जीवन में उतार कर भविष्य निर्माण में सहायक हो सकेगा। हिन्दी विभाग प्रमुख डॉ. श्रीराम निवारिया (Dr. Shriram Niwaria) ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का अध्यात्मवाद का अर्थ, आज के अर्थ से अलग था। उन्होंने सामान्य धार्मिकता से हटकर अध्यात्म के अर्थ को समूची मानवता के हित को ध्यान में रखकर ही स्वीकार किया था। डॉ. शिरीष परसाई (Dr. Shirish Parsai) ने कहा कि वैज्ञानिक तर्कों के माध्यम से समाज को प्रेम, सद्भावना एवं आस्था की ओर ले जाने वाले स्वामी विवेकानंद मानते थे कि आध्यात्म और विज्ञान के समन्वय से ही विश्व की सभी समस्याओं का हल किया जा सकता है। कार्यक्रम का आयोजन प्रकोष्ठ प्रभारी स्नेहांशु सिंह (Snehanshu Singh) के नेतृत्व में हुआ। संचालन अमित कुमार (Amit Kumar) ने किया।

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