रिश्वत मामले में प्रधान आरक्षक और सहयोगी को चार-चार वर्ष का कारावास

Post by: Rohit Nage

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नर्मदापुरम। प्रथम अपर सत्र न्यायालय (First Additional Sessions Court), नर्मदापुरम (Narmadapuram) के न्यायालय ने आरोपी पुलिस आरक्षक राजेश नामदेव (Rajesh Namdev) एवं आरोपी देवीदास (Devidas) को भ्रष्टाचारण अधिनियम के मामले में 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15000-15000 रुपए अर्थदंड एवं साक्ष्य छिपाने के लिये 02-02 वर्ष का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया है।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा (District Prosecution Officer Rajkumar Nema) ने बताया कि फरियादी कन्हैयालाल पटेल (Kanhaiyalal Patel) ने लोकायुक्त भोपाल (Lokayukta Bhopal) में शिकायत की थी कि उसके विरुद्ध मनीराम सोनी ने गेहूं चोरी की झूठी रिपोर्ट थाना देहात नर्मदापुरम में की है। थाना देहात में चोरी का प्रकरण दर्ज किया गया। थाना देहात के पुलिस अधिकारी ने उसके एवं उसके परिवार के खिलाफ कार्यवाही का कहकर पैसों की मांग की थी। उसने शिकायत की थी कि चोरी के प्रकरण के विवेचक ब्रजेश उईके (Brajesh Uike) ने कहा कि एसडीओपी कार्यालय होशंगाबाद (SDOP Office Hoshangabad) में पदस्थ प्रधान आरक्षक राजेश नामदेव से बात करके पैसे दे दो। उसने राजेश नामदेव से बात की तो राजेश नामदेव ने आश्वासन दिया कि 20000 रुपए रुपये दे जाओ, आपके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होगी, गिरफ्तार नहीं करेंगे, चालान पेश करा देंगे।

01 जून 2016 को लोकायुक्त भोपाल के ट्रैप दल आरोपी राजेश नामदेव (Head Constable Rajesh Namdev) को रिश्वत देते हुए एवं आरोपी द्वारा रिश्वत लेेते हुए पकडऩे नर्मदापुरम् आया और एसडीओपी कार्यालय में फरियादी कन्हैयालाल ने जब आरोपी राजेश नामदेव को रिश्वत राशि 20000 रुपए पॉलिथीन में रखकर दिया, उसी समय नगर पालिका कर्मचारी देवीदास उपस्थित हुआ जिसको इस बात की जानकारी हो गई कि लोकायुक्त टीम पकडऩे के लिये आयी हुई है। राजेश नामदेव ने पॉलिथीन में रखे पैसे देवीदास को देकर भगा दिया। ट्रैप दल ने राजेश नामदेव के हाथ धुलाये जिससे उसका हाथ गुलाबी हो गया। इस आधार पर पाया कि राजेश नामदेव ने रिश्वत राशि कन्हैयालाल से प्राप्त की और बचने के लिये पैसे देवीदास को देकर भगा दिया। विवेचना संबंधी लोकायुक्त भोपाल ने पंचनामा कार्यवाही की गई।

विवेचना के दौरान देवीदास को तलाश किया किंतु वह नहीं मिला। बाद में विवेचना के दौरान देवीदास की गिरफ्तारी कर एवं उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने पैसे बस स्टैंड के सामने शराब की दुकान के पास फैक दिये थे, किंतु तलाशी में पैसे नहीं मिले। निरीक्षक बीके सिंह ने विवेचना की। अग्रिम विवेचना निरीक्षक सुनील लाटा, एवं महेन्द्र सिंह कुल्हारा लोकायुक्त भोपाल ने की। थाना देहात के पुलिस अधिकारी ब्रजेश उईके एवं अन्य पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं पाये जाने पर आरोपी प्रधान आरक्षक राजेश नामदेव एवं नगर पालिका कर्मचारी देवीदास के विरुद्ध रिश्वत मांग करने एवं रिश्वत लेने संबंधी साक्ष्य पाये जाने पर इनके विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति उपरांत अभियोग पत्र 12 अप्रैल 2018 को विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम नर्मदापुरम् के समक्ष प्रस्तुत किया।

अभियोजन के विचारण के दौरान 22 अभियोजन साक्षियों के कथन कराये। विचारण के दौरान आये साक्ष्य एवं अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत तर्क पर विश्वास करते हुए न्यायालय ने आरोपी को भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत में 04-04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 15000-15000 रूपये अर्थदंड एवं साक्ष्य छिपाने के लिये 02-02 वर्ष का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/विशेष लोक अभियोजक लोकायुक्त दिनेश कुमार यादव जिला नर्मदापुरम ने सशक्त पैरवी की।

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