हमने तुम्हें इक लफ़्ज़ दिया था…इश्क

Post by: Poonam Soni

दिल से…हमने तुम्हें इक लफ़्ज़ दिया था … इश्क और देखो तुमने तो पूरा सफहा ही सजा दिया अपने जज़्बातों से। तुम ही बताओ अब कैसे समेटे हम इन्हें दिल में।
तुम्हारे लिखे हर जज़्बात ने रंग दिया है हमें इश्क के गहरे रंग में। अब तुम ही बताओ कैसे छुपाएं हम हया का ये रंग इस जग से।
तुम्हारे जज़्बात उतर गए हैं हमारी रूह की गहराइयों मे।
हर पल अब तुम्हें ही सोचते रहते हैं हम। तुम ही बताओ कैसे निकलें इस खुमार से हम।
ये जज़्बात तुम्हारे होने का रेशमी एहसास देते हैं। अब तुम ही बताओ कैसे रोकें हम ख़ुद को मोहब्बत करने से।
सुनो…तुम्हारा हर एहसास तुम्हें बयां करता है। इश्क की अनमोल सौगात है ये जज़्बात हमारे लिए।

तुमने हमारे लफ़्ज़ को
विस्तार दिया
अपने इश्क से हमें
संवार दिया
न रही अब कोई
प्यास बाकी
यूं जज्बात की बारिश से
हमें भिगो दिया।

 

Aditi tandan
अदिति टंडन (Aditi Tandan), आगरा
उ. प्र.

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