लू के प्रकोप से बचाव के लिये करें ये उपाय

Post by: Manju Thakur

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मौसम में बदलाव आ रहा है। अभी तक कभी-कभार बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज होती रही है, लेकिन मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक प्रदेश के कई अंचलों में लू चलने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में लू से बचने के लिए कई बेहद अहम उपाय करना जरूरी है ताकि लू के प्रकोप से हम बीमार न हों।
भारतीय मौसम विभाग ने चल रहे मौसमी दृष्टिकोण को देखते हुए प्रदेश में तापमान औसत तापमान से अधिक होने की संभावना व्यक्त की है। इसके कारण प्रदेश के अधिकांश भागों में लू (तापघात) की स्थिति निर्मित हो सकती है।
लू के प्रभाव, लक्षण और प्राथमिक उपचार की जानकारी
सूर्य दाह
त्वचा पर लाल चकता, सूजन, फफोले, बुखार, सिरदर्द आदि। प्रभावित व्यक्ति को बार-बार नहलाएं। यदि फफोले निकल आएं हों, तो स्टरलाइज/ड्रेसिंग करें और चिकित्सक का परामर्श लें।
ताप के कारण शारीरिक ऐठन पैरों, पेट की मांसपेशियों अथवा शरीर के बाहरी भागों में तकलीफ, शरीर में ऐंठन और अत्यधिक पसीना आना। प्रभावित को छायादार स्थल पर तत्काल ले जाएं। ऐंठन वाले शरीर के भाग को जोर से दबाए तथा धीरे-धीरे सहलाएं। प्रभावित को शीतल जल, छाछ अथवा पना पिलाएं। यदि उल्टी आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।
अत्यधिक थकावट एवं शारीरिक खिंचाव
अत्यधिक पसीना आना, कमजोरी महसूस होना, शरीर गीला और ठंडा होना तथा पीला पड़ जाना, सिर दर्द, नब्ज कमजोर पड़ जाना, मूर्छित हो जाना। प्रभावित को छायादार स्थल पर लिटा कर शरीर पर ठंडे एवं गीले कपड़े से स्पंजिंग करें। संभव हो तो उन्हें वातानुकूलित कमरे में ले जाएं। प्रभावित को शीतल जल, छांछ अथवा पना पिलाएं। यदि उबकाई आ रही हो, तो शीतल पेय पिलाना बंद कर दें तथा प्रभावित व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र पर ले जाएं।
ताप-दाह
अत्यधिक बुखार, अत्यधिक गर्म एवं सूखी त्वचा, तेज नब्ज और बेहोशी हो सकती है। यह अत्यंत चिंताजनक एवं चिकित्सा की दृष्टि से आपात स्थिति है। तत्काल 108 चिकित्सा वाहन को बुलाएं और प्रभावित को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराएं। एम्बूलेंस आने तक प्रभावित व्यक्ति को वातानुकूलित स्थान पर ले जाएं। कपड़ों को ढीला कर आरामदेह स्थिति में लिटाएं। प्रभावित व्यक्ति के शरीर पर ठंडे एवं गीले कपड़े से स्पंजिंग करें। किसी भी प्रकार का पेय पदार्थ पीने को नहीं दें। आवश्यकतानुसार सीपीआर शुरू करें।
लू से बचाव के लिये सावधानी
पानी, छांछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नीबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन कर तरो-ताजा रहें।
यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
धूप में निकलते समय अपना सिर ढंक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा छतरी का उपयोग करें।
धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें।
पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें।
अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछें या कई बार स्नान करें।
धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें।
गरिष्ठ, वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।

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