हाईकोर्ट ने पूछा जंगल की जमीन पर सामुदायिक भवन का निर्माण क्यों?

Post by: Manju Thakur

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  • जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने जारी किए नोटिस

खंडवा/इटारसी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ एवं विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका पर इटारसी के ऐश्वर्य पार्थ साहू अधिवक्ता की जनहित में की गई लंबी बहस से संतुष्ट होकर शासन और वन विभाग से पूछा है कि जंगल की जमीन (फॉरेस्ट लैंड) पर सामुदायिक भवन का निर्माण कैसे किया गया?

सुनवाई उपरांत चीफ जस्टिस ने प्रमुख सचिव वन, कलेक्टर खंडवा, डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर, सीईओ जिला पंचायत खंडवा एवं नवल गांव ग्राम पंचायत को सूचना पत्र जारी कर दिए हैं। जनहित याचिका खंडवा निवासी राजेश पटेल व अन्य की ओर से एडवोकेट ऐश्वर्य पार्थ साहू ने प्रस्तुत की है।

उल्लेखनीय है कि छोटा झाड़ जंगल वन के उपयोग के लिए आरक्षित रहती है, जबकि इस भूमि पर विधायक निधि से सामुदायिक भवन का निर्माण विधि विरुद्ध तरीके से किया गया है जिसे जनहित याचिका के माध्यम से चैलेंज किया गया है। शासन के वन विभाग में चीफ जस्टिस के फैसले से हड़कंप मचा हुआ है। शासन की ओर से एचएस रूपराह एडिशनल एडवोकेट जनरल उपस्थित रहे।

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