Devauthani Ekadashi: भगवान कृष्ण के नींद से जागते ही प्रारंभ होगें शुभ, मांगलिक कार्य

Post by: Poonam Soni

इस दिन मनाई जाएगी देवउठनी एकादशी (Devauthani Ekadashi)

होशंगाबाद। आषाढ़ मास (Ashadh Mas) के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi) को भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu)निद्रा में लीन हो जाते हैं। विश्राम करते हैं। जिसकी अवधि करीब 4 महीने होती हैं। शास्त्रों में इसे देवशयनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) कहीं जाती है। पंडित शुभम दुबे ने बताया कि विष्णु जी के नींद में जाने के साथ सभी शुभ और मांगलिक कार्यक्रम (Mangalik Karya) जैसे विवाह, गृह प्रवेश, आदि रोक दिए जाते हैं। आपको बता दें की गत 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) मनाई गई थीं।

इस दिन जागेंगे भगवान निद्रा से
पंडित शुभम दुबे के अनुसार कार्तिक मास (Kartik Mas) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि अपनी योग निद्रा से जागते है और इसे देवोत्थानी एकादशी कहा जाता है। हम अपनी लौकिक भाषा में इसको देव उठनी ग्यारस भी कहते हैंद्ध इस वर्ष यह एकादशी 25 नवंबर को मनाई जाएगी। भगवान विष्णु जी के निद्रा से जागते ही सभी शुभ और मंगल कार्यक्रमों का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगाण् विवाह गृह प्रवेश आदि।

इस दिन पूजा करने से मिलती है मुक्ति
आपको बता दें देवोत्थानी एकादशी (Devotthani Ekadashi) को देव उठनी या प्रबोधिनि एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है बड़े से बड़े यज्ञ और हवन से जिस पुण्य फल की प्राप्ति होती हैण्ण्ण् उससे कहीं ज्यादा शुभ फल इस एकादशी का व्रत रखने से मिलता है धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जो व्यक्ति देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं। उन्हें जीवन.मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।

नोट: नवंबर और दिसंबर में बहुत कम विवाह मुहूर्त हैं देवउठनी एकादशी के बाद बहुत कम ही बजेगी शहनाई इस वर्ष शुक्र अस्त होने के कारण 10 दिन ही विवाह मुहूर्त हैं नवंबर के महीने में 25, 26 और 30 तारीख को विवाह मुहूर्त है वही दिसंबर के महीने में वहीं अगर बात करें दिसंबर के महीने में दिनांक 1, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 13 तारीख में सिर्फ विवाह मुहूर्त है

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