इटारसी। दीवाली (Diwali) के बाद गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्वालबाबा मंदिर (Gwalbaba Temple) के पास पशुधन मेला (Pashu Dhan Mela) लगा। यहां शहर और आसपास के ग्रामीण अंचलों से पशु पालक अपने पशुओं को लेकर आते हैं। यहां पशुओं को जीवन में आने वाली विपत्तियों से रक्षा करने ग्वालबाबा से आशीर्वाद दिलाया जाता है।
इटारसी-रेलवे नयायार्ड रोड (Itarsi-Railway Newyard Road) पर मेहरागांव नदी (Mehragaon River) किनारे रेलवे पुल (Railway Bridge) के पास स्थित ग्वालबाबा मंदिर के सामने सुबह 8 बजे से पशु पालकों ने अपने गौवंशीय पशुओं को लाना प्रारंभ कर दिया था। ग्वालबाबा के सेवक दीपक पाल के शरीर को धारण कर ग्वालबाबा ने पशुओं और पशु पालकों को अपना आशीर्वाद दिया। पहले ये मेहरागांव (Mehragaon) के गाडरी मोहल्ला में इनके घर के पास स्थित वर्षों पुराने पूजा स्थल पर पूजा करने के बाद यहां से एक खिड़का लेकर निकलते हैं गौ रक्षा के लिए। यहां से ग्वालबाबा मंदिर पहुंचते और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
यहां बड़ी संख्या में मौजूद पशुधन की परिक्रमा की जाती है और लोग ग्वालबाबा के जयकारे लगाते हैं। यहीं मंदिर के मुख्य द्वार पर बैठकर पशुपालकों और अन्य भक्तों को प्रसाद दिया जाता है। माना जाता है कि इससे पशु और पशु पालक सालभर स्वस्थ रहते हैं। यहां स्थित यह मंदिर वर्षों पुराना है, इसकी स्थापना करने वाले गाडरी पाल परिवार के सदस्य मुन्ना हेमंत पाल बताते हैं कि गौधन की रक्षा के लिए बीती पांच पीढिय़ों से उनका परिवार यह धर्मकार्य करता आ रहा है। ग्वालबाबा मंदिर समिति के सदस्य बबलू पटेल का कहना है कि जन सहयोग से समिति इस प्राचीन मंदिर का नवनिर्माण करने प्रयासरत है। यहां पशुधन मेले में मेहरागांव सरपंच जित्तू पटेल, पार्षद प्रतिनिधि कमलेश गौर, जमनादास चौरे, राजू, ज्वाला प्रसाद मेहरा, अशोक मेहरा आदि भी सहयोग करते हैं।