इटारसी। होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र के सांसद उदय प्रताप सिंह ने आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान देशभर के ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा का मामला उठाया और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और राज्य सरकारों की सहभागिता से सेवा शर्तों में सुधार का आग्रह किया।
सांसद उदय प्रताप सिंह ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान देश में कार्यरत ग्राम रोजगार सहायकों (जीआरएस) की वर्तमान सेवा शर्तों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं राज्य सरकार की सहभागिता सुनिश्चित कर ग्राम रोजगार सहायक की सेवा शर्तों में सुधार करने हेतु आवश्यकता होने पर राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करने हेतु आग्रह किया।
श्री सिंह ने कहा कि पूरे देश की हर ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक की नियुक्ति की गई है। ये रोजगार सहायक ऑनलाइन और ऑफलाइन योजनाओं का संचालन-संधारण करता है। ग्राम सभा के प्रस्ताव पर उसकी नियुक्ति होती है और हटा भी दिया जाता है। यह तात्कालिक जैसा पद है।
जिस प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के माध्यम से राज्य सरकार के साथ मिलकर शिक्षकों के वेतन में सहभागिता करता है, बाकायदा जॉब दिया जाता है, नौकरी लगती है और रिटायर होता। बीच मेें मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलती हैं, वैसे रोजगार सहायकों के वेतन की गारंटी नहीं होती। ग्रामीण विकास मंत्रालय राज्य सरकार के साथ मिलकर जॉब तय करे, ट्रांसफर हों, सेवानिवृत्ति तक नौकरी चले, रेग्युलर वेतन मिले। आवश्यक हो तो राज्य को एडवायरी जारी की जाए।