साल का अंतिम सफला एकादशी का महान व्रत कल

Post by: Poonam Soni

इटारसी। मां चामुण्डा दरबार भोपाल के पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे ने बताया की पौष कृष्ण पक्ष सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) गुरुवार 30 दिसंबर को महान व्रत रखा जावेगा। सर्वार्थसिद्धियोग रात्रि 9:31 से प्रारंभ होगा। साल का आखरी व्रत रहेगा।
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष मिलता है।

एकादशी पूजा- विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
इस दिन व्रत अवश्य रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। पंडितों को दक्षिणा, फल, गरम कपड़े दान करें।

 

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