धाईं निवासी रम्मू उर्फ जिम्मी हत्या के आरोप में डेढ़ साल से जेल में है
इटारसी। ग्राम सोंठिया के जयंत दुबे हत्याकांड में डेढ़ वर्षो से जेल में बंद रम्मू उर्फ जिम्मी निवासी ग्राम धाईं की जमानत याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर की न्यायमूर्ति अंजलि पालो ने स्वीकृत कर ली है। उक्त आशय की जानकारी अभियुक्त जिम्मी के अधिवक्ता ऐश्वर्य पार्थ साहू इटारसी ने दी।
श्री साहू ने बताया कि रम्मू उर्फ जिम्मी की दो जमानत याचिकाएं पूर्व में मेरिट के आधार पर निरस्त कर दी गई थी। यह तीसरा जमानती आवेदन पत्र था जिस पर गहराई से विचार के उपरांत एवं अभियुक्त के अधिवक्ता पार्थ साहू के तर्कों से सहमत होते हुए जमानत स्वीकार कर ली गई है।
श्री साहू ने बताया कि इसके पूर्व पूर्व इसी मामले में सह अभियुक्त भागवत सिंह तोमर की जमानत हाई कोर्ट द्वारा स्वीकार की जा चुकी है।
हत्या के उक्त मामले में शासन की और से शासकीय अधिवक्ता एएस पाठक के घोर विरोध को आदेश में दर्ज करते हुए जमानत स्वीकार की गई।
क्या है मामला
मृतक जयंत दुबे के पिता घनश्याम लल्लू दुबे ने थाना पथरोटा में 10 अक्टूबर 20 को रिपोर्ट लिखाई कि उसका लड़का जयंत धाईं जाने का कहकर गया है किंतु आज तक वापस नहीं आया। बाद में पता चला ग्राम सांकई के जंगल में जयंत दुबे का शव पड़ा है।। पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध 302 IPC की कायमी की। जयंत दुबे की हत्या पेंचकश और सिर पर पत्थर मारने से होना बताई गई है।