भगवान को प्राप्त करने के लिए उम्र की बाध्यता नहीं

Post by: Rohit Nage

इटारसी। श्री द्वारिकाधीश बड़ा मंदिर तुलसी चौक इटारसी में मिश्रा परिवार द्वारा आयोजित ज्ञान यज्ञ के अंतर्गत श्रीमद् भागवत महापुराण में पधारे कथा प्रवक्ता चित्रकूट धाम भागवतपीठ संस्थापक भागवत रत्न आचार्य नवलेश दीक्षित महाराज सुंदर कथा श्रवण करा कर सभी नगरवासियों को आनंद दे रहे हैं।

कथा के तृतीय दिवस में महाराज ने श्री पार्वती जी का विवाह शिव जी के साथ कराते हुए शिव पार्वती की मंगलमय महिमा का विस्तृत वर्णन किया और कहा कि शिव पूजन के लिए भाव और श्रद्धा की अत्यंत आवश्यकता है। भक्त धुर्व की कथा का विश्लेषण कर बताया कि भगवान को प्राप्त करने के लिए उम्र की बाध्यता नहीं है। केवल भगवान अपने भक्त का भाव देखते हैं। भक्त धु्रव की कठोर तपस्या के द्वारा भगवान बहुत हर कम समय में प्रसन्न होकर अपने भक्त को दर्शन देकर धुर्व के मनोरथों को सिद्ध करते हैं। कथा की विस्तृत चर्चा करते हुए आचार्य नवलेश ने ध्रुव के वंश की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में तीसरी पीढ़ी में परिवर्तन अवश्य होता है, और इन्हीं के वंश में बेन जैसे अधर्मी राजा के शरीर मंथन से साक्षात भगवान के अंशावतार महाराज रघु के आविर्भाव की कथा सुनाते हुए अजामिल कथा के माध्यम से नाम जप की महिमा का बड़ा ही विस्तृत चर्चा करते हुए आचार्य श्री ने बताया कि व्यक्ति को नाम जप का अभ्यास शुरू से करना चाहिए, तभी अंतिम समय में भगवान का नाम सुमिरन हो पाता है। कथा के समापन में हरि नाम संकीर्तन एवं आरती यजमान राज मिश्रा एवं श्रीमती पूजा मिश्रा ने की।

Leave a Comment

error: Content is protected !!