इटारसी। कल 5 मई को चंद्रमा उपछाया ग्रहण (Lunar Eclipse) के साये में होगा। इसमें चांदनी कुछ फीकी सी होगी। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू (National award winning science broadcaster Sarika Gharu) ने बताया कि शाम 8 बजकर 44 मिनट से यह ग्रहण आरंभ होकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा। चंद्रमा पर होने वाले तीन प्रकार के ग्रहण में से यह उपछाया चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) होगा।
सारिका ने बताया कि वैसे तो पूर्ण चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) के अलावा चंद्रमा के बाकी ग्रहण को आसानी से महसूस नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इसकी चमक में मामूली कमी आती है। इसमें भी उपछाया ग्रहण के दौरान चंद्रमा की चमक में होने वाली कमी आसानी से नहीं समझ में आती है। इसका अर्थ यह नहीं होता कि उपछाया ग्रहण होता नहीं है। धार्मिक मान्यताओं की वैज्ञानिक तथ्यों से तुलना नहीं की जाना चाहिये।
सोशल मीडिया एवं कुछ अन्य माध्यमों में बताया जा रहा है कि भारत में उपछाया ग्रहण नहीं दिखेगा, यह वैज्ञानिक रूप से सही नहीं है। आज का उपछाया ग्रहण जितना भारत में होगा उतना ही एशिया के अन्य देशों में होगा।
सारिका ने बताया कि इस ग्रहण (Lunar Eclipse) को देखने के लिये किसी यंत्र या व्यूअर की आवश्यकता नहीं होगी। 20 अप्रैल को घटित हाइब्रिड सूर्यग्रहण के 15 दिन के बाद यह चंद्रग्रहण की घटना हो रही है।
अगला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) 28 अक्टूबर 2023 को होगा। इस आंशिक चंद्रग्रहण को भी भारत में देखा जा सकेगा। सारिका ने बताया कि चंद्रग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्वी की घनी छाया में आता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग घनी छाया में और कुछ भाग उपछाया में होता है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है। जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में होता है तो उपछाया ग्रहण कहते हैं।