विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन

Post by: Poonam Soni

इटारसी। एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत पृथ्वी दिवस (World Earth Day) मनाया गया। इस दौरान पृथ्वी के अंस्तित्व को बचाने के उपाय विषय पर महाविद्यालय में बेविनार का आयोजन किया। इस अवसर पर प्राचार्य एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. हरप्रीत रंधावा (Dr, Harpreet Randhawa) ने बताया की विश्व पृथ्वी दिवस (World earth day) की थीम ”रिस्टोर आवर अर्थ” का महत्व कोविड-19 काल मे बहुत बढ़ गया है क्योकि हमने प्रकृति एवं पर्यावरण को इतना नजर अंदाज किया है की कोरोना वायरस चमगादडों से मनुष्यों में फेल गया जो कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था एवं मानव समाज को विनाश की कगार पर ले आया है। पृथ्वी एवं पर्यावरण के लिए आवश्यक तीन ”आर” – रिड्यूस, रीयूज़ एवं रीसाईकल में तीन ओर ”आर” जोड़ने की आवश्कयता है- रिमूव -यानी हटाना, उन सभी कार्यो ओर वस्तुओं को भी पृथ्वी को भी नुकसान पहुचाते है। रीफ्यूज -यानी मना करना, ऐसे सभी कार्यो को जो पृथ्वी के अस्तित्व को खतरे में डालते है। औऱ रैली – अर्थात सब एकत्रित होकर पर्यावरण और पृथ्वी को बचाने का प्रयास करेंगे। डॉ. कुमकुम जैन ने बताया की हमें प्रकृति के सौंदर्य को समझना बहुत जरूरी है, जिसके लिए पेड़ पौधे लगाएं और धरती पर हरियाली को बढ़ावा देने के लिए हमें लोगों की जागरूक करने की आवश्यकता है। धरती के अस्तित्व को बचाए रखने का भी हमें प्रण लेना चहिये।
कार्यक्रम संयोजक, डॉ. संजय आर्य ने कहा की यह दिवस मनाने का हमारा मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और वातावरण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करना है। लोगों को धरती पर बढ़ते प्रदूषण के कारण होने वाली परेशानियों से अवगत करना है। हमें पृथ्वी को अपना घर समझकर इसकी सुरक्षा करनी चहाइये। धरती हमारी मां है और हम सब उसकी संतान हैं, इसलिए इसकी रक्षा करना भी हमारा दायितव है। इस विश्व पृथ्वी दिवस पर संकल्प लेना चाहिये कि हम पृथ्वी और उसके वातावरण को बचाने का पूरा प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम सहसंयोजक, डॉ. शिखा गुप्ता ने बताया की पृथ्वी हमारे अस्तित्व का आधार है, जीवन का केंद्र है। यह आज जिस स्थिति में पहुँच गई है, उसे वहाँ पहुँचाने के लिये मनुष्य ही ज़िम्मेदार हैं। आज सबसे बड़ी समस्या मानव का बढ़ता उपभोग है, लेकिन पृथ्वी केवल उपभोग की वस्तु नहीं है। वह मानव जीवन के साथ-साथ असंख्य वनस्पतियों-जीव-जंतुओं की आश्रयस्थली भी है।
महाविद्यालय की पूजा चौरसिया,  ख़ुशी लालवानी, ज्योति जायसवाल आदि छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मंजरी अवस्‍थी, डॉ. मुकेश कटकवार, अमित कुमार, डॉ. पुनीत सक्‍सेना, डॉ. शिरीष परसाई, पूनम साहू, प्रियंका भट्ट, कु. गुरुषा राठौर, सरिता मेहरा, राजेश कुशवाह तथा समस्‍त महाविद्यालयीन स्‍टॉफ एवं छात्राऐं उपस्थित थीं।

Leave a Comment

error: Content is protected !!