इटारसी। गुरुद्वारा भवन में कर्नाटक से दिल्ली जा रही किसान यात्रा (Kisan Yatra) का स्वागत वरिष्ठ कांग्रेस नेता पाली जसपाल सिंह भाटिया (Congress leader Pali Jaspal Singh Bhatia) के नेतृत्व में अनेक युवा किसान व्यापारियों ने किया। इस अवसर पर किसान यूनियन कर्नाटक की अध्यक्ष कविता श्रीनिवासन (Chairman Kavita Srinivasan) ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो किसान विरोधी बिल तैयार किया है, उसके खिलाफ हम संसद भवन पर सत्याग्रह करने जा रहे हैं।
कर्नाटक सहित दक्षिण भारत के राज्यों में किसानों की लड़ाई लडऩे वाले 19 किसान संगठनों की संयुक्त किसान यात्रा बंैगलूर से प्रारंभ होकर दिल्ली जा रही है। इस यात्रा का आगमन आज इटारसी में हुआ। यहां गुरुद्वारा परिसर में सब्जी मंडी से जुड़े आढ़तियों एवं किसानों ने प्रतिनिधियों की भोजन व्यवस्था कर स्वागत किया। इस अवसर पर कर्नाटक किसान महिला अधिकार मंच (Karnataka Farmer Women’s Rights Forum) की अध्यक्ष कविता श्रीनिवासन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के खिलाफ जो जंग छेड़ी है, हम उसके विरोध में सत्याग्रह आंदोलन करने दिल्ली जा रहे हैं। हमारे साथ देशभर के ढाई सौ किसान संगठन हैं। केंद्र सरकार ने जो नया किसान बिल लागू किया है वह हम किसानों को अनुबंध के माध्यम से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के चंगुल में फंसाना चाहती है। कर्नाटक के ही हावेरी जिले के किसान नेता सुवियोग मुकोरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मंडियों में किसानों और व्यापारियों के बीच में फूट डालने के लिए यह काला कानून बनाया है, जिसके खिलाफ हम सत्याग्रह करने दिल्ली जा रहे हैं। हमारा यह सत्याग्रह जब तक चलता रहेगा तब तक की सरकार उक्त बिल को वापस नहीं ले लेती। वरिष्ठ पाली भाटिया ने कहा कि केंद्र सरकार के काले कानून के विरोध में सत्याग्रह करने जा रहे इन किसानों का हमने शहर की ओर से स्वागत सत्कार किया है। किसानों के हक और अभिमान की लड़ाइ में हम पूरी तरह इनके साथ है। शीतकालीन संसद सत्र प्रारंभ होते ही जहां विपक्षी दल संसद के अंदर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे तो वहीं देशभर के किसान संगठन संसद के बाहर सरकार के खिलाफ अलग अलग प्रकार से आंदोलन करेंगे।