सिवनी मालवा। बच्छा बारस के अवसर पर संपत सारडा के निवास स्थान पर बच्छा बारस की पूजा का कार्यक्रम रखा।
इस अवसर पर महिलाओं में नीरू राठी, शीला सारडा, प्रेमलता तोषनीवाल, शीला खडलोया, सुनीता सारडा, वर्षा सारडा, साधना गोयल, श्वेता खडलोया, पुनीता सारडा, खूशबू सारडा, सुनीता तोषनीवाल, सोनाली खंडेलवाल, जया खंडेलवाल, प्रियंका सारडा, विनीता पारीख, रेखा पारीख, रेनु पारीख सहित सभी समाज की महिलाएं उपस्थित थीं।
क्या होता है बच्छा बारस
भादों की बारस को महिलाओं द्वारा गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। बेटों की मां ओवडे की पूजा करती है एवं लड्डू रखती हैं। बेटे गोबर को कन्नी उगली से काटकर लड्डू उठाते हैं, ओवडा भैंस के गोबर से बनाया जाता है, उसको गोल तालाब जैसा आकार देकर दूध, पानी, कुमकुम, चावल डाला जाता है। साथ में पतवारी जी की पूजा की जाती है। महिलाओं द्वारा कहानियां सुनाई जाती है। इस दिन महिलाएं ज्वार, बेसन, मूंग, चने का खाना खाती हैं, गेहूं नहीं खाए जाते हैं। आज के दिन चाकू एवं कैची का उपयोग नहीं करते, शाम को गाय आने के पहले भोजन कर लिया जाता है, उसके बाद आज के दिन रात में महिलाओं द्वारा नहीं खाया जाता है। यह पूजा माहेश्वरी, अग्रवाल, खंडेलवाल, ब्राह्मण समाज द्वारा की जाती है।