इटारसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इटारसी ने धारा 363,354 क और धारा 8 अधिनियम 2012 के अन्र्तगत केसला थाने में सन् 2016 में दर्ज हुये अपराध के एक मामले में सुनवाई करते हुये अपना फैसला सुनाया है। मामले में आरोपी संतोष परते की पैरवी अधिवक्ता रवि सोनी और शासन की और से पैरवी विशेष लोक अभियोजक एचएन यादव ने की है।
क्या आया है फैसला
5 जनवरी 2016 को केसला थाने में नाबालिग पीडि़ता की मां की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी संतोष परते, निवासी केसला के खिलाफ धारा 363, 354 क और धारा 8 अधिनियम 2012 के अंर्तगत अपराध दर्ज किया था। मामले में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक बंसल ने फैसला सुनाते हुये आरोपी संतोष को सजा व अर्थ दंड से दडित किया है। शासन की ओर से पैरवी कर रहे लोक अभियोजक एचएन यादव नं बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपी संतोष परते को धारा 354 क-अ भारतीय दंड विधान एवं धारा 9 एम 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के आरोप में दोषी पाते हुये आरोपी को लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 10 के अंतर्गत 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं एक और धारा 363 भारतीय दंड विधान संहिता के आरोप में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है।