की गई अश्व पूजन और शस्त्रों की पूजा

Post by: Manju Thakur

इटारसी। विजयदशमी के पावन पर्व पर जय राजपूत समाज सेवा समिति द्वारा शुक्रवार को सरला मंगल भवन सूरज गंज में मां भगवती की आरती के पश्चात विधि विधान से अश्व पूजन किया गया | समिति के सदस्य मनीष ठाकुर ने बताया कि अश्व से सबंधीत उच्चेःश्रवा, रैवंतदेव, हयग्रीव, अश्वीनकुमार जेसी कथाए मिलती है अग्नी पुराण, अश्वमेघ, वाजसुय यज्ञ और अन्य वेदसास्त्र, काव्य- माहाकाव्य, शालीहोत्र सास्त्र, शील्पो- चीत्रो मे अश्व महत्व का प्रतीत होता है, प्राचीन राज्य चिन्हों में भी अश्वों का महत्वपुर्ण स्थान रहा है।
प्राचीन काल के वाहनों में श्रेष्ठ तथा क्षत्रियों का युद्ध का साथी अश्व ने अपनी स्वामी भक्ती, कौशल से योगदान दिया है, इतिहास के पन्नो पे एक नजर डाले तो पृथ्वीराज का खग, महाराणा प्रताप का चेतक, दरबार हादा खुमाण का बावळा, दरबार रूखड वरु का रोजा, लाखा फुलानी का पबुसर, पाबुजी राठोड की केशर, सहजानंद स्वामी की माणकी जैसे अश्व के पराक्रम की अनेक कथा मौजूद है | चुनावी वर्ष होने और आचार संहिता लगी होने के कारण केवल प्रतिकात्मक रूप में रखकर शस्त्रों की पूजा की गई |
इस मौके पर यशवंत सिंह सिकरवार, नगेंद्र सिंह सिकरवार, मनोज सिंह, मनीष ठाकुर, अजय सिंह राजपूत, मुकेश सिंह, रंजीत सिंह राजपूत, जय सिंह राजपूत, विनोद सिंह राजपूत, नितेश सिंह राजपूत, हरीशंकर बेस, धर्मेंद्र सिंह राजपूत, अंशुल चौहान, मोहन सिंह ठाकुर, कीरत सिंह राजपूत, विक्रम सिंह राजपूत,तरुण सिंह सोलंकी, विजय सिंह राजपूत, वैभव सिंह बघेल, संजय सिंह राजपूत एवं अन्य सामाजिक जन उपस्थित रहे |

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