इटारसी। सिटी थाने में पदस्थ एक महिला प्रधान आरक्षक के साथ भोपाल से इटारसी के बीच जीटी एक्सप्रेस में मारपीट की वारदात हुई है। प्रधान आरक्षक ने जीआरपी थाने में अपने साथ हुई मारपीट की घटना की शिकायत दर्ज करायी है। जीआरपी ने आरोपी पक्ष से भी एक आवेदन लेकर जमानत पर रिहा कर दिया है। आरोपी परिवार नागपुर का रहने वाला है।
मिली जानकारी के अनुसार एक मानसिक रोगी महिला को इंदौर के मानसिक चिकित्सालय में छोड़कर लौट रही एक महिला प्रधान आरक्षक से नागपुर के एक परिवार ने ट्रेन में मारपीट की। घटना की शिकायत यहां जीआरपी थाने में की गई इसके बाद आरोपी तीन लोगों पर मामला दजऱ् किया गया। आरोपी परिवार इसे एकपक्षीय कार्रवाई बताकर नागपुर में शिकायत करने की बात कह रहा है। उनका कहना है कि महिला प्रधान आरक्षक ने आरक्षित बोगी में घुसकर सीट पर कब्जा किया और पहले उनसे मारपीट की है, जबकि पीडि़त प्रधान आरक्षक का कहना है कि आरोपियों के साथ के एक सदस्य ने उसका बैग उठाकर फैंका और उसे ट्रेन से फैंकने की धमकी दी थी। सूचना के बाद जीआरपी ने ट्रेन में जाकर नागपुर निवासी यात्रियों एकता पटेल, तरुलता पटेल, अपेक्षा पटेल, वंशिका पटेल, और पुरुष यात्री जितेन्द्र पटेल, मेहुल पटेल, रजनीकांत पटेल, हार्दिक पटेल और मित्तल पटेल को ट्रेन से उतारकर थाने लेकर आए। इन सभी को कार्रवाई होने तक बिठाकर रखा, मामला केवल तीन लोगों के खिलाफ बनाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला प्रधान आरक्षक रेखा मुनिया आज सुबह अपनी साथी आरक्षक आरती चौहान के साथ इंदौर से भोपाल होकर लौट रही थीं। यहां भोपाल से उन्होंने जीटी एक्सप्रेस में सफर शुरु किया और नागपुर निवासी गुजराती परिवार भी इस बोगी में था। ट्रेन में सीट पर बैठने को लेकर विवाद होने पर गुजराती परिवार की महिला एवं पुरुष सदस्यों ने रेखा मुनिया से विवाद करके मारपीट कर दी। घटना भोपाल और इटारसी के बीच कोच एस-4 की है। गुजराती परिवार वैष्णोदेवी से दर्शन करके 45 सदस्यीय जत्थे के साथ लौट रहा था। मारपीट के मामले में हेतल पटेल, जितेन्द्र पटेल और मित्तल पटेल पर धारा 294, 323,506, 34 का प्रकरण पंजीबद्ध किया है।
ये हैं आरोप-प्रत्यारोप
मैंने टीटीई से बात करके कोच एस-4 की खाली सीट पर बैठी थी। कुछ देर बाद एक व्यक्ति ने आकर मुझसे सीट से उठने को कहा, मैंने बताया कि टीटीई ने यहां बैठने को कहा तो उक्त व्यक्ति ने मेरा बैग छीनकर फैंका और कहा कि उतर जाओ, वरना तुम्हें भी ट्रेन से फैंक देंगे। मैंने विरोध किया तो मेरा हाथ पकड़कर ट्रेन के एक तरफ ले गए और उनके करीब 7-8 अन्य साथी भी आए और गालियां देते हुए मुझसे मारपीट की। मारपीट करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं। मेरे बाल पकड़कर मारा है, पीठ और हाथ में भी चोट तथा सीने पर खरोंच के निशान हैं, मेरे साथ रंगभेद और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करके भी प्रताडि़त किया गया है।
रेखा मुनिया, प्रधान आरक्षक
आरक्षित बोगी में घुसकर पुलिसिया धौंस जमायी फिर हमने विरोध किया तो हमारे साथ मारपीट की। इनके साथ एक पुरुष पुलिसकर्मी भी थी जो इस वक्त नज़र नहीं आ रहा है। ये पहले यूनिफार्म में नहीं थी, बाद में यूनिफार्म पहनकर सामने आयी हैं। हमने काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन विवाद करते हुए मेरे पापा को चांटा मारा है। यदि मेरे पापा को चांटा मारा तो हम कैसे सहन करते। ये गालियां भी दे रही थी। यदि ये मेरे पापा पर हाथ नहीं उठाते तो आज जो इतना बड़ा इश्यू बना है, यह नहीं बनता। हमसे विवाद करके, हमें गालियां देकर हमें ही कसूरवार ठहराया जा रहा है। गलती मान ही नहीं रहे हैं, हमारी नहीं सुनी तो नागपुर में शिकायत करेंगे।
वंशिका, आरोपियों की परिजन
इनका कहना है…!
सिटी थाने में पदस्थ रेखा मुनिया के साथ मारपीट की शिकायत हुई है। जीटी एक्सप्रेस में विवाद होना बताया गया है, शिकायत पर हमने मामला पंजीबद्ध कर जांच में लिया है।
बीएस चौहान, थाना प्रभारी जीआरपी