पचमढ़ी महोत्सव : अंतिम संध्या रही गजलों के नाम

Post by: Manju Thakur

होशंगाबाद। पचमढ़ी महोत्सव की अंतिम संध्या पर प्रख्यात गज़़ल गायिका शहजादी तरन्नुम की उपाधि प्राप्त पीनाज मसानी ने गजलों की शानदार प्रस्तुति दी। गायिका पीनाज मसानी ने गणेश वंदना से अपने गजलों की शुरुआत की उन्होंने देख आईने में यारों की झलक बाकी है, देख तुझे तो जाग उठी दिल की धड़कन फूल राही मे, खिले जिंदगी का मजा आ गया आदि गजलों का गायन कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
निझर्णी ग्रुप के भुवनेश्वर कदम ने अपने साथी कलाकारी के साथ गजलों की प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। भोपाल से आए लोकप्रिय सिंगर संकल्प वशिष्ठ ने अपने गीतों से समां बांधा। उन्होंने बॉलीवुड गीतों तेरे बिन कैसे जिया, तेरी यादें लेकर, जुदा होके भी तू मुझ में कहीं बाकी है, आदि गीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी।

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पचमढ़ी केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों के परिवर्तन ग्रुप ने पानी बचाओ थीम पर मूक अभिनय कर दर्शकों को जल संरक्षण हेतु जागरूक किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में कर्नाटक से आए बी कटप्पा में कर्नाटक का प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय ख्याति ढोलू कुनिथा फोक आर्ट प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त उड़ीसा के शंख वादक पवित्र कुमार महापात्रा ने शंख, ढोल, नृत्य के माध्यम से अपनी अद्वितीय प्रस्तुतियां दी। प्रख्यात गजल गायक डॉक्टर केके कावरे ने जल भी चुके परवाने तो भी जो की रुसवाई पर आदि गजलों से दर्शकों का मनोरंजन किया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में डॉ प्रियंका सिंह ने शांत शास्त्रीय नृत्य की रोचक प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में अवर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस मौजूद रहे। नर्मदापुरम संभाग के अपर आयुक्त आशकृत तिवारी, कलेक्टर धनंजय सिंह, जिला पंचायत सीईओ आदित्य सिंह ने पुरस्कार वितरण किया।

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