पाली की पहल : राजनीतिक या सामाजिक ? वक्त से जवाब का इंतज़ार

Post by: Manju Thakur

इटारसी। कांग्रेस नेता जसपाल सिंघ भाटिया ने शुक्रवार की देर शाम शहर की चिकित्सा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए इसमें सुधार की पहल की है। उन्होंने ईश्वर रेस्टॉरेंट में प्रेस के साथ मिलकर इस दिशा में आगे बढऩे की मंशा जतायी और अन्य शहर के गणमान्य नागरिकों को भी साथ लेने को कहा है। श्री भाटिया ने माना कि राजनैतिक कार्यकर्ताओं की जो जिम्मेदारी होना चाहिए उसमें अभी और सुधार की गुंजाइश है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हालांकि यह गैर राजनैतिक पहल है, इसमें सबको साथ लाने की मंशा भी उन्होंने जतायी, लेकिन इस सवाल के जवाब में कि यदि यह गैर राजनैतिक है तो इसमें सभी दलों के प्रतिनिधियों को क्यों नहीं बुलाया? श्री भाटिया ने कहा कि जो लोग इतने वर्ष सत्ता में रहे उन्होंने कुछ नहीं किया तो उनको बुलाने का औचित्य नहीं समझा। श्री भाटिया ने इस पहल को गैर राजनीतिक अवश्य कहा, लेकिन इसमें उनके साथ लगभग सभी कांग्रेस के नेता थे और वे सभी चिकमंगलूर टीम के सदस्य भी थे, जिनकी एक बैठक इससे पहले भी हो चुकी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस का यह धड़ा फिलहाल कतिपय नेताओं से नाराज चल रहा है। इस दौरान राजनीतिक टिप्पणी करने से भी श्री भाटिया नहीं चूके। उन्होंने भाजपा के सत्ता के दौरान किए कार्यों टिप्पणी करते हुए कहा कि अस्पताल में जितनी चिंता दुकान और दीवार बनाने में की, उतना डॉक्टर और दवाओं पर की होती तो आज इतनी दुर्दशा नहीं होती।

इन बिन्दुओं पर जतायी चिंता
शहर की स्वास्थ्य सेवाएं समाप्त जैसी या शून्य हो गयी हैं
रविवार को सरकारी अस्पताल में कोई डाक्टर नहीं मिलते
कोई भी हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं, हमने प्रतिभाएं खोयी हैं

ये जतायी अपेक्षा
सरकारी अस्पताल के डाक्टर रविवार को रोटेशन में छुट्टी लें
प्रदेश में हमारी सरकार, हम मांग करेंगे तो बात सुनी जाएगी
चिकित्सा सुविधा जुटाने शहर और मीडिया को साथ आना होगा

राजनीतिक मायने भी
यद्यपि जसपाल सिंघ पाली भाटिया कांग्रेस की अग्रिम पंक्ति के नेता हैं तो उनके हर कदम में राजनीति देखी जाना स्वभाविक है। चिकमंगलूर टीम की बैठक और शुक्रवार को प्रेस से मुलाकात के भी राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, यह भी माना जा रहा है कि चिकमंगलूर टीम को कांग्रेस में जितना महत्व मिलना चाहिए, फिलहाल मिल नहीं रहा है। लोकसभा चुनाव सामने हैं और अपना राजनीतिक वजूद दिखाने के लिए इस तरह की गतिविधि जरूरी है। एक बात और भी है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नज़र होशंगाबाद-नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र पर है। पाली भाटिया को दिग्विजसिंह खेमे का खास सिपाहसालार माना जाता है। ऐसे में उनको अपने साथियों के साथ इस तरह से सक्रिय होने के संकेत मिले होंगे। अचानक लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही, एक बैठक और एक पत्रकार वार्ता के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा के बीच कोई तो रिश्ता है? हो सकता है, ये राजनीतिक कयास तक ही सीमित हों, और हो सकता है, इसमें कहीं सच्चाई भी हो। ये राजनीति है और इसमें सबकुछ संभव है। हालांकि सवाल पूछने पर श्री भाटिया ने इससे साफ इनकार कर दिया है। शेष आगामी वक्त आने पर पता चलेगा। फिलहाल, उनकी पहल यदि गैर राजनीतिक है और परिणाम तक पहुंचे तो सबको साथ आना चाहिए।

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