इटारसी। जिला प्रशासन द्वारा मत्स्याखेट पर लगाए प्रतिबंध का इटारसी में किसी प्रकार का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। मछली बाजार में आम दिनों की तरह ही मछली का व्यवसाय किया जा रहा है। कलेक्टर ने एसपी को पुलिस के माध्यम से इस प्रतिबंध को लागू कराने का अनुरोध किया है। लेकिन फिलहाल पुलिस एक्टिव मोड में नजर नहीं आ रही है और मछली बाजार में कारोबार चल रहा है।
प्रदेश में वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि के दृष्टिकोण से उन्हें संरक्षण देने हेतु सभी प्रकार के जल संसाधनों में मध्य प्रदेश नदीय मत्स्योद्योग नियम 1972 की धारा 3 (2) के अंतर्गत 16 जून से 15 अगस्त 2019 तक की अवधि को मत्स्याखेट निषेध किया गया है। जारी अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध तालाब या अन्य ऐसे स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी या नाले से नहीं है, उन पर लागू नहीं होगा। मत्स्याखेट प्रतिबंधित अवधि में मछली का विक्रय, परिवहन भी प्रतिबंधित रहेगा। हर वर्ष इस तरह के प्रतिबंधों की सरेआम धज्जियां उड़ायी जाती हैं और इस वर्ष भी यही हो रहा है। प्रतिबंध को दो दिन हो गये हैं। लेकिन, मछली बाजार में आम दिनों की तरह ही कारोबार चल रहा है।
मछली के शिकार पर प्रतिबंधों के आदेश में कहा है कि मत्स्याखेट के लिए घोषित प्रतिबंधित अवधि में प्रतिबंधित क्षेत्रों में मत्स्याखेट करते पाए जाने पर मध्यप्रदेश राज्य मत्स्य क्षेत्र संशोधित अधिनियम 1981 की धारा 5 के तहत मत्स्याखेट करने वालो को एक वर्ष का कारावास या 5 हजार रूपए का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जायेगा। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने मत्स्य प्रजनन काल को देखते हुए विगत दिनों जारी अधिसूचना के प्रकाश में जिले में मत्स्याखेट में संलग्न जनसाधारण को सूचित किया है कि प्रतिबंधित अवधि में किसी भी प्रकार का मत्स्याखेट न तो स्वयं करें और न ही इस कार्य में अन्य लोगों को सहयोग दें। मत्स्याखेट प्रतिबंधित अवधि में जिले में मत्स्याखेट पर प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि वे जिले के समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित करें कि वे प्रतिबंधित अवधि में मत्स्याखेट करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार की जाने वाली कार्यवाही में सहयोग प्रदान करें।