इटारसी। ईमानदारी और मानवता के भाव आज भी जिंदा हैं। यह साबित किया है, मुंबई निवासी एक ट्रेन यात्री ने। दरअसल, इस यात्री को एक अन्य यात्री का रुपयों से भरा पर्स मिला था जो भोपाल में उतर गया था। ट्रेन इटारसी पहुंचने पर यात्री यह पर्स डिप्टी एसएस के पास जमा करने के विचार में था कि सूचना पर भोपाल निवासी यात्री के मित्र और रेल अधिकारी कोच में पहुंच गये। उक्त यात्री ने उनको यह पर्स सौंप दिया।
मंगलवार को सुबह तुलसी एक्सप्रेस के एसी कोच ए-1 में नर्मदा ट्रामा सेंटर भोपाल के चिकित्सक डॉ जमशेद खान इलाहाबाद से भोपाल की यात्रा कर रहे थे। भोपाल स्टेशन आने पर उनकी नींद खुली और वे फौरन स्टेशन पर उतर गए। इस जल्दबाजी में उनका पर्स सीट पर ही तकिये के नीचे भूल गये। पर्स में नगदी 20 हजार रुपये, 4 बैंकों के एटीएम तथा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे थे। ट्रेन में सामने की सीट पर यात्रा कर रहे माटुंगा मुंबई निवासी रेलकर्मी राजाराम गुप्ता की नजर पर्स पर पड़ी, तब तक भोपाल से ट्रेन इटारसी की ओर चल पड़ी थी। उन्होंने इस पर्स को अपने पास रख लिया था। इधर घर पहुंचे डॉ जमशेद खान को जब याद आया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने अपने मित्र इटारसी निवासी मनोज सारन को पूरा घटनाक्रम बताया तो मनोज सारन रेलवे स्टेशन पहुंचे और इटारसी आ रही ट्रेन पर डिप्टी एसएस आरके मालवीय, पॉइंट्समेन आशीष राव के साथ एसी कोच की बर्थ नं-4 पर पर्स की खोजबीन की तो उन्हें पर्स नहीं मिला। वे वापस लौट ही रहे थे कि इसी बीच वाशरूम गए यात्री राजाराम गुप्ता वापस लौटे। उन्होंने डिप्टी एसएस श्री मालवीय को पुकारा और उनसे कोच में आने का कारण पूछा। रेलयात्री राजाराम गुप्ता ने नगदी राशि से भरा पर्स उन्हें सौंपते हुए कहा कि यदि आप नहीं आते तो मैं स्वयं इसे जमा करने आपके या पुलिस के पास जाने ही वाला था। क्योंकि यहां ट्रेन काफी देर रुकती है। पर्स मिलने पर मनोज सारन ने फोन पर डॉ जमशेद खान की यात्री से बात कराई। उन्होंने पर्स मनोज सारन सहित सभी का आभार व्यक्त किया।