इटारसी। एक वर्ग विशेष को मंदिर जाने से रोकने पर मोथिया साकेत गांव में तनाव का माहौल बन गया है। बताया जाता है कि यहां कुर्मी समाज के लोगों ने मंदिर में ताला लगा दिया और एक वर्ग विशेष को मंदिर में जाने से मना कर दिया। इसके बाद गांव के लोगों की विवाद की स्थिति बन गई है। बाद में पुलिस ने मोर्चा संभाला और समझाइश देकर विवाद बढऩे से रोका।
मोथिया साकेत गांव में एक पुराना खेड़ापति माता का मंदिर है, इस मंदिर का जीर्णोद्धार चल रहा है। कुर्मी समाज के एक धड़े ने एक वर्ग विशेष को मंदिर में जाने से मना कर दिया और शुक्रवार की रात मंदिर को जाली से कवर करके उसमें ताला लगा दिया। मंदिर में जाने से मना करने पर शनिवार को दलित वर्ग के लोग मंदिर पहुंचे। इस वर्ग के लोगों ने यहां भंडारे का आयोजन शुरू कर दिया और डायल 100 पर कॉल कर दिया है इसके बाद यहां पुलिस पहुंच गई।
मामले में ग्रामीण छाया सोलंकी ने बताया कि कोई त्योहार नहीं है लेकिन जब मंदिर में पूजा पाठ करने, जल चढ़ाने और आने-जाने से मना किया गया तो हमने भंडारा करने का निर्णय लिया। इस मंदिर में कई सालों से आ रहे हैं लेकिन पहली बार हमें रोका गया है। पुलिस के सामने एकत्र हुए लोगों ने मंदिर का ताला तोड़ा। और इसके बाद जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश किया। यहां पूजा अर्चना की गई। इधर कुर्मी समाज के लोग भी गांव में एकत्र होकर मंदिर की ओर जा रहे तभी पुलिस ने रास्ते में रोककर समझाइश दी और उन्हें वापस भेजा। मामले में गांव के सरपंच चिमन पटेल और पूर्व सरपंच श्रीराम चौधरी ने भी अपने मत व्यक्त किए।