सरकार का मतलब साइन करना, सलामी लेना नहीं

Post by: Manju Thakur

होशंगाबाद। सरकार का मतलब साइन करना, कुर्सी पर बैठना, फाइलों को यहां से वहां करना और सलामी लेना नही होता। सरकार का मतलब निर्माण करना, विकास करना, जनहितकारी नीतियां बनाना और जनता के दुख दर्द को दूर करना होता है। स्वतंत्रता के बाद देश में आयी सरकारों ने इस एहसास को नही समझा। सरकार चलाने का उद्देश्य ही एक प्रकार से समाप्त हो गया था। सरकारों ने जनता के मंशा की परवाह नही की। वर्तमान भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सकारात्मक सोच के चलते देश में नया परिवर्तन आया है। सरकार के उद्देश्य बदले हैं, इस दौरान आधारभूत विकास के साथ ही आर्थिक नीति, विदेश नीति, रक्षा नीति सहित अन्य क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन हुए है। यह बात विकास पागल हो गया है कहकर विकास का उपहास करने वाले कभी नहीं समझ पाएंगे। यह बात रविवार को कोठी बाजार स्थित हैप्पी मैरिज गार्डन में नर्मदा जीवन दायिनी के तत्वाधान में आयोजित ‘बेहतर भविष्य के लिए सकारात्मक चर्चा संवाद में सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने कही।

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लोगों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाला आम चुनाव वास्तव में देश के भविष्य का चुनाव है। जो लोग सामाजिक, राजनैतिक, शिक्षा सहित अन्य जनहितकारी क्षेत्रों में काम कर रहे है उन्हें अधिक सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है। हमें इस चुनाव में एक ऐसी सरकार चुनना है जो देश को सुरक्षित रखते हुए विकास की ओर ले जा सके। उन्होंने कहा कि इस मामले में वर्तमान केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री श्री मोदी पूरी तरह सफल रहे है। सरकार के सकारात्मक पक्ष को बहुत ही प्रभावी ढंग से रखते हुए श्री सहस्त्रबुद्धे ने लंदन के समाचार पत्र द गार्जियन का हवाला देते हुए कहा कि मई 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद लिखा गया था कि अब इस सरकार के बनने के बाद भारत से ब्रिटिश को पूरी तरह विदा होना पड़ेगा। मतलब यह था कि पिछली सरकारें लोगों में स्वतंत्रता का भाव ही पैदा नही कर पाई। सरकार जरूर बदली लेकिन वातावरण नही बदला। मोदी सरकार ने वातावरण बदलने का काम किया है। कार्यक्रम का संचालन विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने किया। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल, सांसद राव उदयप्रताप सिंह, डॉ. राजेश शर्मा ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। सुबह वे कैलाश सोनी, विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, प्रेमशंकर वर्मा, विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, कमल पटेल, संजय शाह, हेमंत खण्डेलवाल, कुशल पटैल सहित अन्य नेताओं से मिले। दोपहर में रामजी बाबा स्थित धर्मशाला में आरएसएस के अनुशांगिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की।

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