निवेशकों को एकजुट करने के प्रयास जारी
इटारसी। राजस्थान के 784 करोड़ के घोटाले के केस में एक दर्जन कंपनियों के डायरेक्टर विनय सिंह ने कोविड-19 के दौरान जमानत लेने का प्रयास किया, जो असफल हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
अधिवक्ता रमेश के साहू इटारसी और एश्वर्य पार्थ साहू ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति डीवाय चंद्रचूड़, हेमंत गुप्ता, अजय रस्तोगी की संयुक्त पीठ ने सभी पक्षों को सुनकर विनय सिंह का प्रकरण हस्तक्षेप योग्य नहीं माना और डिसमिस कर दिया। जमानत का पिनकान वेलफेयर एसोसिएशन ने घोर विरोध किया था। पिनकान वेलफेयर एसोसिएशन के महेंद्र साहू झांसी और राजू विश्वकर्मा दतिया ने देशभर के निवेशकों की ओर से इटारसी के अधिवक्ता रमेश के साहू, ऐश्वर्य पार्थ साहू जबलपुर हाइकोर्ट के माध्यम से तैयारी कर निवेशकों का पक्ष तैयार किया जिसमें सुप्रीम कोर्ट मं श्री पारिजात किशोर एओआर ने आर्गुमेंट कर जमानत का विरोध किया। अन्य प्रदेशों से भी इंटरवेंशन एप्लीकेशन फ़ाइल की गई।
अब मध्यप्रदेश के 200 करोड़ के घोटाले में पिनकॉन कंपनी के डायरेक्टर मनोरंजन राय, विनय सिंह एवं हरि सिंह व अन्य के विरुद्ध विभिन्न जिलों में मप्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000, नियम 2003 के तहत वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। दतिया से प्रोटेक्शन वारंट जारी है और ग्वालियर, उरई, चंदुली सहित देश में 14 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। पिनकॉन के डाइरेक्टर्स नई-नई कंपनी बनाने, कलेक्शन करने, छोड़कर नई कंपनी बनाने, फंड डायवर्जन करने के माहिर हैं, इसलिए कानूनी शिकंजे से अब तक बचे रहे।