सुलगे खेत : 72 एकड़ फसल, 60 एकड़ नरवाई, तीन मवेशी जले, दो ग्रामीण जले

Post by: Manju Thakur

इटारसी।

ग्राम धौंखेड़ा, इटारसी, तारारोड़ा, सोनासांवरी हल्का, सनखेड़ा के खेतों में आग ने आज सारा दिन ऐसा तांडव मचाया कि तीन गांव के चार किसानों की करीब 72 एकड़ की गेहूं की फसल और 60 एकड़ रकबे में नरवाई और तीन मवेशी जल गए। ऐसी खबर है कि आग में दो ग्रामीण भी झुलसे हैं, जिनका उपचार यहां के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
ग्राम धौंखेड़ा तक नरवाई की आग पहुंच गई थी। ग्रामीणों ने अपने प्रयासों से और दमकल की मदद से आग को गांव आने से पहले रोक लिया। हालांकि हवा काफी तेज थी, लेकिन ग्रामीणों के प्रयास सफल हो गए। इसी रोड पर सांवरिया फार्म हाउस के पास स्थित खेत में आग लगने से करीब सात एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी। फसल गुलाबचंद्र पिता रामनारायण अग्रवाल सांवरिया सेठ की बतायी जा रही है। इसके अलावा ग्राम रैसलपुर, सोनासांवरी और धौंखड़ा के आसपास करीब साठ एकड़ में नरवाई की आग ने कहर बरपाया है। गेहूं की फसल जलने से किसान को करीब तीन लाख रुपए के नुकसान होने का अनुमान है। हल्का पटवारी रमेश घुरेले ने बताया कि सांवरिया सेठ की सात एकड़ गेहूं की फसल जली है, जबकि नरवाई की आग बड़े रकबे में फैली थी जो धौंखेड़ा गांव तक पहुंच गई थी, किसानों ने और दमकल की चार गाडिय़ों की मदद से आग पर शाम तक काबू पाया जा सका है।
तारारोड़ा में अधिक नुकसान
ग्राम तारारोड़ा में दो किसानों की करीब साठ एकड़ में खड़ी फसल जलकर राख हो गयी। इसी तरह से सनखेड़ा में एक किसान की पांच एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल, और बाड़े में तीन गाय आग की चपेट में आने से जलकर मर गयीं। इटारसी के निकट एक किसान का सात एकड़ में खड़ा गेहूं जल गया। इस तरह से चार किसानों की लगभग 72 एकड़ में खड़ी फसल जलकर राख हो गयी और आगजनी की इन घटनाओं में किसानों को करीब पंद्रह लाख रुपए के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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पाली हाउस मुश्किल से बचा
एकलव्य स्कूल के पास बना पाली हाउस बमुश्किल बचाया जा सका है। यह पाली हाउस पूर्व मंत्री और सिवनी मालवा के वर्तमान विधायक सरताज सिंह का बताया जा रहा है। बताया जाता है कि हवा से आग काफी तेजी से फैल रही थी। जानकारी मिलने पर विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा भी अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने किसानों से चर्चा की। इस दौरान एसडीएम राधेश्याम बघेल, तहसीलदार रितु भार्गव, नायब तहसीलदार एनपी शर्मा, पटवारी रमेश घुरेले, हितेष पटेल सहित अनेक कर्मचारी भी मौके पर थे।
रोज सुलग रही है खेतों आग
पिछले एक पखवाड़े से इटारसी और आसपास के खेतों में रोज आग सुलग रही है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने भूसा मशीन संचालन के कुछ नियम बनाए, नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाकर रखा है, बावजूद इसके किसानों पर ऐसे प्रतिबंध का कोई असर नहीं हो रहा है। खेतों में लगातार भूसा मशीन चल रही हैं, नरवाई की पूलों से ही मशाल बनाकर किसान नरवाई जला रहे हैं। प्रतिबंध को रोकने मैदान में जितना अमला होना चाहिए, वह नहीं है, तो ऐसे प्रतिबंध सिर्फ कागजी ही होते हैं।
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नतीजा मालूम है, फिर भी नहीं मानते
यह कटु सत्य है, किसानों के बीच नरवाई जलाना एक प्रथा सी बन गई है। किसान को मालूम रहता है कि वह नरवाई जलाकर वातावरण को प्रदूषित कर रहा है फिर भी वह अपने निजी सुविधा के लिये इसे नहीं छोड़ रहा है। जबकि किसानों को खेत में फसल के अवशेषों को नहीं जलाकर, जुताई कर इन्हें भूमि में ही मिलाना चाहिए। लेकिन ऐसे किसानों की संख्या महज पांच फीसदी होगी। किसान फसल कटने के तुरंत बाद ही दूसरी फसल की तैयारी करना चाहता है और यही बात उसे नरवाई जलाने प्रेरित करती है।
इन किसानों का इतना गेहूं जला
ग्राम किसान रकबा नुकसान (रुपए लगभग)
तारारोड़ा मनजीत सिंह 26 एकड़ सवा पांच लाख
तारारोड़ा नन्हेंलाल 35 एकड़ सात लाख
इटारसी गुलाब अग्रवाल 07 एकड़ डेढ़ लाख
सनखेड़ा विकास उपाध्याय 05 एकड़ एक लाख
धुएं से रोज ढंक रहा आसमान
इटारसी के चारों तरफ नरवाई की आग खेतों में धधक रही है। खेतों में फसल काफी कम बची है, बावजूद इसके खेत सुलग रहे हैं। दरअसल नरवाई में आग सुलग रही है। सुबह से शाम तक नरवाई की आग से उठ रहा धुआं शहर के आसमान को ढंक रहा है। सूरज की धूप मद्धिम हो रही है, लेकिन आग की लपटें गर्मी बढ़ाने में सहायक साबित हो रही हैं। बीते एक पखवाड़े से आगजनी की घटनाओं पर नजरें दौड़ाएं तो इटारसी के आसपास ऐ एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई जिसमें खेत आग के हवाले हुए हैं।
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