चमत्कारों का विज्ञान समझा विद्यार्थियों ने
इटारसी। आदिवासी अंचल केसला के उत्कृष्ट विद्यालय प्रांगण में मैंगलोर कर्नाटक से आये डॉ नरेंद्र नायक ने अपने प्रदर्शन के माध्यम से अनेक तथाकथित चमत्कारों के वैज्ञानिक पक्ष की जानकारी देकर उनकी पोल खोली। उन्होंने खाली हाथों को हवा में लहराकर नोट एवं सोने की चेन प्रकट करके बताया तथा कहा कि यह केवल हाथ की सफाई है। ऐसे चमत्कारों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। उन्होंने स्कूल के बच्चों के साथ ही कई तथाकथित चमत्कार करके ढोंगियों की पोल खोली और बच्चों से अंधविश्वास से बचने का सुझाव दिया।
डॉ. नायक ने काले कपड़े से आंखों को बंद कर नोट का नंबर पढऩा, हाथ का रंग चूना लगाने पर लाल पड़ जाना जैसे अनेक चमत्कारों का विद्यार्थियों के साथ प्रदर्शन कर उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक कारणों एवं हाथ की सफाई की जानकारी दी। डॉ नायक ने ग्रामीण क्षेत्रों में ठगी के लिये इस्तेमाल किये जा रहे इन तथाकथित चमत्कारों का सच बताया। उन्होंने भारत से विदेशों में जा रही प्रतिभा की चिंता करते हुए स्थानीय प्रोत्साहन देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने ढाई हजार साल पहले भारत के महात्मा बुद्ध द्वारा किसी बात को स्वीकार करने से पूर्व उसके परीक्षण की आवश्यकता के संदेश को आज भी प्रासंगिक बताया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इटारसी एसडीओपी अनिल शर्मा ने बच्चों से संवाद करते हुए अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता बताई। इसकी मदद से न केवल व्यक्तिगत धन हानि से बचा जा सकता है, कानून व्यवस्था की दृष्टि से भी धनात्मक मदद मिलती है। श्री शर्मा ने पुलिस प्रशासन के द्वारा दी जा रही मदद के बारे में विद्यार्थियों को जागरुक किया। विद्यालय के प्राचार्य सुनील कुमार सक्सेना ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन द्वारा आदिवासी अंचल में अंधविश्वास को बढऩे से रोकने में मदद मिल सकेगी।
इस कायक्रम के समन्वयक राजेश पाराशर ने बताया कि बच्चों को इस कार्यक्रम के बाद फीडबैक के आधार पर विस्तृत प्रशिक्षण दिलाने की योजना है, ताकि स्थानीय स्तर पर वैज्ञानिक पक्ष की जानकारी दी जा सके। तीन विद्यालयों के 600 से अधिक बच्चों के लिये आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ आरडी शर्मा, एमके पुरोहित, एसके श्रीवास्तव के साथ अन्य शिक्षकों ने मदद की। संतोष भारद्वाज ने आभार प्रदर्शित किया।