इटारसी। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) की अष्टमी (Astami) को माता महागौरी की पूजा की जाएगी। नवरात्रि की अष्टमी बुधवार को 13 अक्टूबर को मनाई जाएगी। महागौरी की पूजा करने से लोगों के पापों का नाश होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब महागौरी की उत्पत्ति हुई उस समय उनकी उम्र आठ साल थी इसलिए इनकी पूजा अष्टमी के दिन की जाती है। ये देवी सदा सुख और शान्ति देती है। अपने भक्तों के लिए यह अन्नपूर्णा स्वरूप है। इसलिए मां के भक्त अष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन और सम्मान करते हुए महागौरी की कृपा प्राप्त करते हैं। कहते है कि महागौरी ने घोर तपस्या कर गौर वर्ण प्राप्त किया था। मां महागौरी की आराधना से मनोवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है।
महागौरी का स्वरुप
यह भी मान्यता है कि महागौरी उज्जवल स्वरूप की महागौरी धन, ऐश्वर्य देने वाली, तीनों लोक में पूजी जाने वाली मंगला मूर्ति, मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया है। यह धन-वैभव और सुख-शान्ति की अधिष्ठात्री देवी है। सांसारिक रूप में इसका स्वरूप बहुत ही उज्जवल, कोमल, सफेद वर्ण तथा सफेद वस्त्रधारी चतुर्भुज युक्त एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में डमरू लिए हुए गायन संगीत की प्रिय देवी है, जो सफेद वृषभ यानि बैल पर सवार हैं।