गबन के आरोपी ग्राम पंचायत के तत्कालीन सचिव को दस वर्ष की सजा

Post by: Rohit Nage

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इटारसी। न्यायालय तृतीय सत्र न्यायाधीश ने ग्राम पंचायत धुरपन के तत्कालीन सचिव नीलेश मेहतो को दस वर्ष की सजा का फैसला सुनाया है। उस पर पंचायत सचिव रहते हुए जनवरी 2012 से मई 2013 के मध्य 6 लाख 76 हजार रुपए के गबन का आरोप था।
अपर लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने बताया कि अभियुक्त ने कूटरचित तरीके से सरपंच के साथ मिलकर शासकीय राशि का न्यास भंग किया है। अपराध की गंभीरता को देखत ेहुए अभियुक्त को अधिकतम दंड से दंडित किया जाना चाहिए। न्यायालय ने नीलेश मेहतो के विरुद्ध धारा 409 भादवि का अपराध प्रमाणित पाये जाने से दस वर्ष का सश्रम कारावास और दो हजार रुपए का अर्थदंड, तथा अर्थदंड अदा न करने की सूरत में 3 माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
ये था मामला
फरियादी आरएस कुशवाह ने थाना पथरोटा में शिकायत दर्ज करायी है कि कार्यालय जनपद पंचायत केसला 5 जनवरी 2014 को प्रस्तुत की गई कि ग्राम पंचायत गोंची तरोंदा के सचिव नीलेश मेहतो के पास विगत दो वर्षों से ग्राम पंचायत धुरपन का अतिरिक्त प्रभार है और वह ग्राम गोंची तरोंदा व धुरपान में सचिव का कार्य कर रहा है। रमेश लोखंडे ग्राम धुरपन का सरपंच था। ग्राम पंचायत धुरपन के पूर्व सचिव एवं सरपंच द्वारा की गई अनियमितता के संबंध में तीन दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया था। सीईओ ग्राम पंचायत केसला ने सरपंच-सचिव द्वारा आहरित की गई राशि के स्टेटमेंट निकलवाये एवं 21 मई 2013 को निरीक्षण करने पर ग्राम धुरपन में सीसी रोड एवं ग्राम कलमेशरा में आंगनवाड़ी भवन निर्माण कार्य करना बताया था। मौके पर यह दोनों कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए थे। सरपंच और सचिव ने फर्जीवाड़ा करके पंच परमेश्वर मद से 5 लाख 15 हजार 700 रुपए आहरण किये और आंगनवाड़ी भवन की राशि 2 लाख 31 हजार 500 रुपए सहित कुल 7,47,200 रुपए बैंक से निकाले गये थे। उपयंत्री रोहित यादव ने मौका निरीक्षण कर मूल्यांकन करने पर पंच-परमेश्वर मद से 60, 210 रुपए का कार्य एवं परियोजना मद से आंगनवाड़ी निर्माण 10 हजार रुपए की सामग्री का मूल्यांकन पाया गया। इस तरह से कुल 70,210 रुपए का कार्य किया गया था, शेष 6, 76,990 रुपए का गबन सरपंच तथा सचिव ने किया था तथा 5,27,000 रुपए का फर्जी खर्च उपयोगिता प्रमाण पत्र के जरिये दिखाया था। ग्राम पंचायत के सभी अभिलेख गैर कानूनी रूप से अपने आधिपत्य में रखे गये थे। बार-बार संपर्क करने के बावजूद शासकीय अभिलेख नहीं सौंप रहे थे।
अपर लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया ने बताया कि न्यायालय में विचारण के उपरांत आज तत्कालीन सचिव नीलेश मेहतो को दस वर्ष का कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है। श्री भदौरिया ने बताया कि मामले में सरपंच रमेश लोखंडे तभी से फरार है। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक भूरेसिंह भदौरिया और राजीव शुक्ला ने की है।

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