इटारसी। विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने आज विधानसभा में राजस्व मंत्री से आबादी भूमि पर काबिज लोगों के नाम दर्ज होने संबंधी सवाल किया।
विधायक ने पूछा कि क्या नर्मदापुरम (होशंगाबाद) जिले के इटारसी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आबादी भूमि पर निवासरत / व्यवसायरत नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित किये जाने के संबंध में परिपत्र जारी किया है?, गरीबी लाइन, पुरानी इटारसी एवं नर्मदापुरम में आबादी की कुल कितनी भूमि है? उल्लेखित परिपत्रों के संबंध में अभी तक कितने नागरिकों के नाम आबादी भूमि पर अंकित किये गये हैं?, क्या आबादी की भूमि पर बसे नागरिकों के नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज न होने से बैंक ऋण न मिलना, नक्शा पास न हो पाना, रजिस्ट्री या भू-अभिलेख न होने से जमानत न ले पाने जैसी समस्या हो रही है? यदि हां, तो उक्त समस्या का निराकरण कब तक हो सकेगा?
राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने जवाब दिया जी हां, परिपत्र जारी किया है, मंत्री ने कहा कि गरीबी लाईन इटारसी में आबादी भूमि नहीं है एवं पुरानी इटारसी क्षेत्र में अभिलेख में कुल ख.नं. 43 रकबा 19.323 हेक्टर भूमि पर य आबादी अंकित है, तदापि नजूल निर्वतन निर्देश, 2020 के अनुसार वर्तमान में यह भूमि अब नजूल हो चुकी हैं।
तहसील नर्मदापुरम नगर अंतर्गत आबादी भूमि 30.677 हेक्टर है, तहसील नर्मदापुरम ग्रामीण अन्तर्गत आबादी मद में भूमि का अभिलेख में दर्ज रकबा 208.081 हेक्टर है। तहसील इटारसी अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिपत्रों के अनुसार नागरिकों के नाम आबादी भूमि पर अंकित नहीं किये गये। राजस्व विभाग के परिपत्र द्वारा आबादी क्षेत्र में भू-खंड धारकों को प्रमाण-पत्र प्रदाय संबंधी निर्देश के क्रम में तहसील इटारसी में ग्रामीण क्षेत्र के आबादी भूमि पर निवासरत लोगों को 9177 भू-खण्ड धारक प्रमाण पत्र वितरण किये गये।
वर्तमान में राजस्व विभाग के पत्र द्वारा प्रदत्त निर्देशानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख के निर्माण के लिए स्वामित्व योजना क्रियान्वित है। राजस्व विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि के धारकों को धारणाधिकार के तहत पट्टे जारी किये जाने हेतु शहर इटारसी में कुल 988 नागरिकों के धारणाधिकार के तहत आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिनमें से कुल 15 नागरिकों को पट्टे जारी कर वितरण कर दिये हैं, शेष आवेदनों पर कार्यवाही परीक्षणाधीन है।
सक्षम अनुमतियों के उद्योग का संचालन पर मिला ये जवाब
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने खनिज साधन मंत्री से सवाल किया कि क्या यह सच है कि आदिवासी विकासखण्ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग की फैक्ट्री का संचालन बिना सक्षम अनुमतियों (फायर एवं सेफ्टी विभाग एवं अन्य) के द्वारा संचालित किये जाने के संबंध में शिवनगर चांदौन के अनेक ग्रामीणों के शिकायती पत्र के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर, नर्मदापुरम को अक्टूबर 2022 में पत्र लिखा था?, उक्त उद्योग किन-किन सक्षम अनुमतियों के अभाव में प्रारंभ की गयी?, बिना सक्षम अनुमतियों के प्रारंभ किए उद्योग के संबंध में प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी ?
खनिज साधन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा, कलेक्टर जिला नर्मदापुरम से प्राप्त जानकारी अनुसार ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग फैक्ट्री संचालन हेतु मप्र मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, फायर सेफ्टी, नगर तथा ग्राम निवेश, श्रम विभाग की अनुमतियां, जीएसटी नंबर आदि प्राप्त करना था, जो नहीं किया जाना जांच में पाया गया है। उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, संभागीय कार्यालय भोपाल द्वारा शिवनगर चांदौन, तहसील इटारसी, जिला होशंगाबाद में तिरुपति ट्रेडर्स के नाम से स्थापित उद्योग का निरीक्षण किये जाने पर 10 से कम श्रमिकों को नियोजित कर एवं विद्युत शक्ति की सहायता से पुराने ट्रांसफार्मर का रिपेयरिंग कार्य किया जाना पाया गया।
इस प्रकार वर्तमान में यह उद्योग कारखाना अधिनियम, 1948 की परिधि में नहीं आता है। अत: अनुज्ञप्ति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। आदिवासी विकासखण्ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में मप्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 प्रभावशील नहीं है। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र नर्मदापुरम मप्र से प्राप्त जानकारी अनुसार उद्योग प्रारंभ करने हेतु कोई अनुमति पृथक से प्रदान नहीं की जाती है। क्षेत्रीय कार्यालय मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मण्डीदीप, जिला रायसेन से प्राप्त जानकारी अनुसार आदिवासी विकासखण्ड केसला की ग्राम शिवनगर पंचायत चांदौन में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग की फैक्ट्री हेतु उद्योग द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1974 एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है।
अत: कार्यालय द्वारा उद्योग को सहमति प्रदान नहीं की गई है। (ग) कलेक्टर नर्मदापुरम से प्राप्त जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इटारसी को शिकायत की जांच हेतु भेजी गई थी। जिनसे जांच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त अनापत्तियों के संबंध में संबंधित को सुनकर विस्तृत जांच कर अपने अधिकार क्षेत्रानुसार कार्यवाही कर जिला स्तर से कार्यवाही प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया है।