इटारसी। शहर के दोनों कालेजों में आज हुए छात्र संघ के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक-एक कालेज में जीत दर्ज की। जहां शासकीय कन्या महाविद्यालय में चारों पदों पर विद्यार्थी परिषद को एकतरफा जीत मिली तो शासकीय एमजीएम कालेज में तीन महत्वपूर्ण पदों पर एनएसयूआई और एक पद पर अभाविप प्रत्याशी को जीत मिली है। सुबह से संवेदनशील माने जाने वाले एमजीएम कालेज में भारी पुलिस बल तैनात था।
सुबह एसपी अरविंद सक्सेना ने दोनों कालेजों का दौरा किया तो एसडीएम हिमांशु चंद्र, एसडीओपी अनिल शर्मा, तहसीलदार रीतू भार्गव और टीआई आरएस चौहान दिनभर एमजीएम कालेज में ही रहे। देर शाम करीब पौने छह बजे छात्र संघ के परिणाम एमजीएम कालेज में घोषित किए जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सचिव पर पद एनएसयूआई के प्रत्याशी जीते तो सह सचिव पद पर मुकाबला टाई होने के बाद लॉटरी सिस्टम से चुनाव किया जिसमें विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशी को जीत मिली।
एमजीएम कालेज चुनाव परिणाम
अध्यक्ष – लक्ष्मी बनवारी
उपाध्यक्ष – अर्जुन यादव
सचिव – आकाश चौधरी
सहसचिव- रेणुका दीक्षित
कन्या महाविद्यालय के परिणाम
अध्यक्ष – अपूर्वा अग्रवाल
उपाध्यक्ष – श्वेता सिंह
सचिव – शिवानी जाटव
सहसचिव – साधना धुर्वे
एमजीएम में रहा कांटे का मुकाबला
शहर के सबसे बड़े शासकीय एमजीएम कालेज में दोनों ही छात्र संगठन की प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी। दोनों ही संगठनों ने यहां जीत के लिए ही जोर लगाया था। यहां मुकाबला भी काफी कड़ा रहा है। सभी पदों पर जीत महज दो वोट से हुई है। कालेज में 44 में से कुल 40 कक्षा प्रतिनिधि उपस्थित हुए। एनएसयूआई के विजेताओं को सभी पदों पर 21 वोट मिले जबकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशियों को 19 वोट मिले। एकमात्र सहसचिव पद पर दोनों प्रत्याशियों को 20-20 वोट मिले। इस पद पर मुकाबला लॉटरी से कराया गया जिसमें विद्यार्थी परिषद की प्रत्याशी को जीत मिली।
एक-एक वोट के लिए लगाया जोर
दोनों ही दलों के नेताओं ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए एक-एक वोट के लिए जोर लगाया था। सुबह 8 बजे से कक्षा प्रतिनिधियो के लिए हुए चुनाव में दोनों ही छात्र संगठन के नेताओं ने प्रशासन के समक्ष अपने दावे-आपत्तियां दर्ज करायीं। जहां भी उनको संदेह लगा, फौरन अधिकारियों के पास पहुंचकर आपत्ति दर्ज करायी। हालांकि इस दौरान कहीं भी विवाद की स्थिति निर्मित नहीं हुई। एकमात्र मनोनीत सीआर के दोपहर 3 बजे आने पर एनएसयूआई ने अधिकारियों के समक्ष नियमावली बताकर आपत्ति दर्ज करायी, हालांकि अधिकारियों ने भी नियम बताकर उनको शांत कराया।
एक छात्रा के परिजन भी पहुंचे
एमजीएम कालेज में एक छात्रा प्रिंसी जैन अपने माता-पिता के साथ पहुंची थी। छात्रा का कहना था कि बी कॉम पंचम सेमेस्टर में उसके प्रतिशत अधिक हैं, जबकि जो छात्रा सीआर मनोनीत हुई है, उसके प्रतिशत कम हैं। उन्होंने कालेज प्रबंधन पर भेदभाव का आरोप लगाया। प्रिंसी का कहना था कि उसके 74.5 प्रतिशत अंक हैं जबकि जिस अंजलि साहू को सीआर मनोनीत किया है, उसके 70 प्रतिशत हैं। कालेज प्रबंधन ने उनकी बात को यह कहकर खारिज कर दिया कि जब मनोनयन हुआ था, तभी छात्रा को आपत्ति दर्ज करानी थी, अब सीआर की फाइनल लिस्ट बनकर जारी भी हो चुकी है।
लॉ की कक्षाएं प्राथमिकता : लक्ष्मी
एमजीएम कालेज की नवनिर्वाचित अध्यक्ष लक्ष्मी बनवारी का कहना है कि कालेज में विधि की कक्षाएं शुरु कराना, कालेज में यूनिफार्म सिस्टम लागू कराने सहित छात्रहित की अन्य योजनाओं पर काम करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उन्होंने शांतिपूर्ण चुनाव के लिए कालेज, पुलिस और प्रशासन का धन्यवाद दिया। अपनी जीत का श्रेय उन्होंने एनएसयूआई के नेताओं को देते हुए कहा कि काफी दबाव के बावजूद उनको जीत मिली है। उनके परिवार पर भी फोन लगाकर दबाव डाला गया था, लेकिन उनके माता-पिता ने किसी भी प्रकार के दबाव को दरकिनार करके उनको चुनाव लडऩे को प्रेरित किया।