इटारसी। शहर से 15 किलोमीटर दूर जमानी के पास विस्थापित गांव नया माना में एक विवाह में प्राचीन समय में जारी परंपरा के अनुसार देखने को मिला। आज जब हर घर में मोटर साइकिल है, तब भी प्राचीन आदिवासी परंपरा के अनुसार एक युवक ने अपनी बारात बैलगाड़ी से धूमधाम से निकाली।
आदिवासी नेता विनोद वारिवा ने बताया कि आदिवासी संंस्कृति, रीति रिवाज में आज भी प्रथा है, जिसमें बैलगाड़ी को सजा कर बारात निकालते हैं। बैलगाड़ी से बारात लगने की जानकारी लगने पर आपपास गांव के लोग देखने पहुंचे। बारात में आदिवासी अपनी परंपरा अनुसार जमकर झूमे और नाचे। दूल्हा आनन्द भलावी ने बताया कि उसकी स्वयं की इच्छा थी कि जब भी उसकी शादी होगी, तो वो आजकल के दिखावों से परे अपनी बारात पुरानी रीति रिवाजों की तरह सजी संवरी बैलगाड़ी से निकालेगा।
उसकी यह हसरत आज पूरी हुई। आज निकाली इस बारात में 4 बैलगाड़ी को शामिल किया गया। वारिवा ने बताया कि आदिवासी समाज में आज भी ऐसे युवा लोग हैं जो अपनी पंरपरा को आगे तक बनाये रखने और जंगल, जमीन, पेड़ पौधों की पूजा करते आए हैं, और यह पुरातन परंपरा जीवित बनाये रखे हुए हैं।