हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध अधिवक्ता लामबंद, कल भी नहीं करेंगे काम

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। 25 आपराधिक एवं सिविल प्रकरणों का 66 दिनों में निराकरण करने के हाईकोर्ट के आदेश के विरूद्ध लामबंद होते हुए नर्मदापुरम अधिवक्ता संघ के आव्हन पर अधिवक्ताओं ने शुक्रवार से दो दिवसीय कार्य से विरक्त रहने का निर्णय लिया है।

संघ सचिव मनोज जराठे ने बताया कि शुक्रवार को प्रथम दिवस अधिवक्ताओं द्वारा कार्य न करने से जिला न्यायालय का कार्य ठप रहा। नर्मदापुरम के सिविल, आपराधिक, फोरम और बाल न्यायालय के करीब 12 हजार प्रकरणों में सुनवाई नहीं हुई। अधिवक्ताओं द्वारा संबंधित न्यायालय में न पहुंचने से पक्षकारों को परेशानी भी हुई। अधिवक्ता संघ के कार्य से विरक्त रहने के निर्णय को स्टाम्प वेंडर, नोटरी अधिवक्ता, टाइपिस्ट आदि का भी समर्थन रहा।

विदित रहे कि शनिवार को भी अधिवक्ता कार्य से विरक्त रहेंगे। संघ अध्यक्ष केके थापक, उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा, सहसचिव सुरेन्द्र सिंह राजपूत, ग्रंथपाल श्रीप्रकाश दुबे, कार्यकारणी सदस्य सीके कुरापा, राजेश चौरे, रीतेश विश्वकर्मा, क्षमा चौहान, विजेन्द्र सिंह राजपूत, वरिष्ठ अधिवक्ता एसएस ठाकुर, व्हीके चौहान, रामराज सिंह ठाकुर, केके खंडेलवाल, दिलीप नामदेव, एनपी शर्मा, अजय तिवारी, सुशील गोयल, श्रीमती सरिता दुबे, शमशाद खान, कुसुम तोमर, राजीव दुबे, विनोद तोमर, नीतेश गौर, राजू मिश्रा आशीष ठाकुर, अमित गुबरेले, कल्पेश दुबे, अनूप तोमर, भूपेन्द्र वर्मा, माधव हर्णे, जितेन्द्र गौर, संजीव बग्गन, अरविंद खण्डेलवाल, धर्मेन्द्र दुबे, कैलाश सिंह राजपूत, अनुराग दुबे, राजेश मालवीय, अभिषेक दीक्षित, राकेश शर्मा, विनीत वर्मा, मनोज चौधरी, चंदन शाह, रसीद खान, प्रताप सिंह राजपूत, सौरभ तिवारी , अनिल गौर, दिलीप ठाकुर आदि ने हाई कोर्ट से अधिवक्ता और पक्षकार के हित में तत्काल निर्णय वापस लेने की अपील की है।

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