होशंगाबाद। रविवार को कृषि विभाग टीम ने विकासखंड बाबई के ग्राम मांगरोल में खेतों का निरीक्षण कर फसलों की स्थिति का जायजा लिया एवं किसानों को सलाह दी। किसानों को बताया गया कि गेहूं फसल के लिए अंतिम सिंचाई कार्य जल्द से जल्द पूर्ण करें। चना फसल में यदि किट का प्रकोप दिखाई देने पर रनेक्सी फायर ग्रुप या फ्लू वेंडर माइट या अन्य कोई भी कीटनाशक जो हेलियोथिस के नियंत्रण के लिए आवश्यक है उसका छिड़काव करें। किसान भाईयों को बताया है कि चने की फसल में फली भेदक कीट एवं कटुआ कीट के नियंत्रण के लिए कीट भक्षी चिड़ियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, इस इल्ली के परभक्षी पक्षियों में मुख्यरूप से काली मेना, बगुला, टिटहरी इत्यादि को खेतों में आश्रय देने के लिए टी आकार की 3 से 4 फीट उंची खूटियां अपने-अपने खेतों में 8 से 10 मीटर की दूरी पर प्रति हेक्टयर के हिसाब से 30 से 40 खूटियां लगाए। वे खेतो में फसल की सतत निगरानी रखे अधिक इल्लियां के मिलने पर रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करे इसके लिए इमामेक्टीन बेंजोएट 5 प्रतिशत एमजी 200 ग्राम प्रति हेक्टयर अथवा स्पाइनोमेड 45 प्रतिशत एससी 170 मिली प्रति हेक्टयर की दर से छिड़काब करे। कृषि वैज्ञानिको ने कहा है कि यदि खेत में बड़ी इल्लियो की अधिकता हो तो क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी 0.15 मिली प्रति लीटर या इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी 500 मिली प्रति हेक्टयर के हिसाब से छिड़काब करें। निरीक्षण के दौरान सहायक संचालक कृषि योगेंद्र बेड़ा (Assistant director agricultural yogendra beda), पिपरिया मंडी सचिव राघवेंद्र सिंह राठौर (Pipariya Mandi Secretary Raghavendra Singh Rathore) सहित अन्य कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहें।