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Ashada Amavasya 2023 : आषाढ़ अमावस्या के दिन जरूर करें ये उपाय, पितृदोष से मिलेगी मुक्ति

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आषाढ़ अमावस्या (Ashada Amavasya 2023)

Ashada Amavasya 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रतिमाह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन Ashada Amavasya 2023 तिथि आती है। हिन्‍दू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का अपना एक विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि पर विधि-विधान से भगवान विष्णु के साथ पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है।

इस दिन किसानों के द्वारा भी हल और खेतों में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा कर वर्षा के देवता वरुण से अपनी अच्छी फसल के लिए कामना की जाती हैं। इसीलिए इस अमावस्या को हलधारिणी अमावस्या भी कहते हैं।

आषाढ़ अमावस्या शुभ मुहूर्त (Ashadh Amavasya Shubh Muhurt 2023)

  • आषाढ़ अमावस्या तिथि की शुरूआत : 17 जून 2023 समय 9:11 बजे से
  • आषाढ़ अमावस्या तिथि की समाप्‍त : 18 जून 2023 समय 10:06 तक
  • स्नान समय – सुबह 4:03 से सुबह 04:43 तक
  • अभिजित मुहूर्त – सुबह 11:54  से दोपहर 12:50

आषाढ़ अमावस्या पर न करें ये काम (Ashadha Amavasya 2023)

आषाढ़ अमावस्या (Ashada Amavasya 2023) को रिक्ता तिथि भी कहा जाता है यह दिन पितरों को समर्पित होता है। इस दिन खरीदी-बिक्री और गृह प्रवेश, मुंडन, मांगलिक काम नहीं करना चाहिए। अमावस्या के दिन महत्वपूर्ण चीजों की करने से अशुभ परिणाम मिलते हैं।

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आषाढ़ अमावस्या पर क्या करें (Ashadha Amavasya 2023)

Ashada Amavasya 2023 तिथि पर भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी का विधि-विधान से पूजन करें। ऐसा माना जाता है‍ कि इस दिन पितृगण वायु के रूप में सूर्यास्त तक घर के दरवाजे पर रहते हैं।

इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान कर घर में ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। पितृ पूजा करने से आयु में वृद्धि और परिवार में सुख और समृद्धि आती है।

आषाढ़ अमावस्या महत्व (Ashada Amavasya Importance)

Ashada Amavasya 2023 तिथि का हिन्‍दू धर्म में विशेष महत्‍व होता है। यह दिन अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए खास दिन होता हैं। पितृ कर्म के लिए यह तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। इस दिन किसी पवित्र नदियों में स्‍नान कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करना चाहिए।

इसके इसके बाद कन्‍याओं एवं ब्राम्‍हणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए। ऐसा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। 

आषाढ़ अमावस्या पूजा विधि (Ashada Amavasya Puja Vidhi)

  • आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें।
  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  • इस दिन सूर्योदय के समय भगवान सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें।
  • आषाढ़ अमावस्या के दिन कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें।
  • इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखें।
  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
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