विनोद कुशवाहा/ देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंततः पहली बार देश का पेपरलेस बजट पेश कर दिया। इसके लिए उन्हें देशी टेबलेट का भरपूर सहारा मिला। ये एक अलग बात है कि उनका अब तक का यह सबसे छोटा भाषण रहा। उल्लेखनीय है कि निर्मला सीतारमण ने इस बार मात्र 1 घन्टे 50 मिनिट का बजट भाषण ही दिया। वित्त मंत्री के बजट से जहां एक ओर कारपोरेट जगत खुश है वहीं मध्यम वर्ग उदास है। हालांकि करदाता को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है लेकिन उन पर कोई नया कर भी नहीं थोपा गया है। निर्मला सीतारमण ने सीनियर सिटीजन को जरूर राहत दी है। 75 साल और उससे अधिक आयु वर्ग के सीनियर सिटीजन को अब आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह छूट उन्हें उसी स्थिति में मिलेगी जब जिस बैंक में पेंशन आती है उसी बैंक में उनकी एफ डी भी होगी। खैर जो कुछ भी हो इससे मध्य प्रदेश के कम से कम 10 हजार पेंशनर्स को तो इस छूट का लाभ मिलेगा ही।
पहले बात चुनावी राज्यों की। वित्त मंत्री इन राज्यों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिखीं। बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु के नेशनल हाई वे के विस्तार पर चालू बजट में क्रमशः 25 हजार करोड़, 34 हजार करोड़, 65 हजार करोड़ तथा 1.30 लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। वैसे देखा जाए तो निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य विभाग की काया पलट कर दी है। स्वास्थ्य विभाग का बजट इस बार 2, 23, 846 करोड़ रुपये होगा जो पिछले बजट से 137 % अधिक है। बजट में कोरोना वैक्सीन पर 35 हजार करोड़, न्यूट्रिशन पर 2.87 लाख, शहरी स्वच्छ भारत मिशन पर 1.48 लाख करोड़, प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना पर 64.180 करोड़ रुपये के खर्च की राहत दी गई है। इतना ही नहीं देश में निमोकोक्कल वैक्सीनेशन से हर साल लगभग 50 हजार बच्चों की जान बचाने के प्रयास किये जायेंगे। करीब 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल भी शुरू किए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में भी आमूल चूल परिवर्तन की कोशिश के संकेत दिए हैं। उच्च शिक्षा आयोग का तो गठन किया ही जाएगा साथ ही 100 नए सैनिक स्कूल प्रारम्भ करने की भी योजना है। लेह में उच्च शिक्षा हेतु सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली जाना है। आदिवासी क्षेत्र में 750 एकलव्य स्कूल भी खोले जा रहे हैं। इसके लिए 38 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। निर्मला सीतारमण जहां आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति लाने के हक में हैं वहीं उन्होंने बजट में अनुसूचित जाति के लगभग 4 करोड़ बच्चों हेतु 35, 219 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर दी है। तो इस तरह शिक्षा का बजट 85, 089 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 93, 224 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वन नेशन वन राशन कार्ड कुल 32 राज्यों में लागू होगा। करीब 86 प्रतिशत लोग इसके अंतर्गत आ चुके हैं। उज्ज्वला योजना का लाभ 1 करोड़ और महिलाओं तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी। नए बजट में महिलाओं को हर प्लेटफार्म में काम करने की स्वतंत्रता होगी। वे रात्रि शिफ्ट में भी काम कर सकेंगीं। जबकि महिला बाल विकास विभाग का बजट पिछले वर्ष की तुलना में 18 % कम कर दिया गया है।
कॉरिडोर के अतिरिक्त रेलवे को कोई खास सौगात नहीं दी गई है। गुड्स ट्रेन के लिए अवश्य नए ट्रैक का प्रावधान रखा गया है। इससे पटरी से ट्रांसपोर्टेशन बढ़ेगा। हालांकि रेलवे का घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है।
नए बजट में स्क्रेप पॉलिसी को मंजूरी मिलने से ऑटो इंडस्ट्री में 10 हजार करोड़ का निवेश होगा जिससे 50 हजार नौकरियां आयेंगीं। इधर कच्चा माल सस्ता होने से कारों की लागत भी 30 प्रतिशत कम हो जाएगी।
चालू बजट से अब हमारे देश में शेयर एक्सचेंज की भांति गोल्ड एक्सचेंज भी होगा। इससे सभी प्रकार के निवेशकों की रुचि गोल्ड में बढ़ेगी। पहले सोने चांदी पर 12.5 कस्टम ड्यूटी थी जिसे घटाकर 7.5 % किया गया है। कस्टम ड्यूटी कम होने की वजह से सोने की तस्करी भी कम होगी।
अंत में बात मध्यप्रदेश की। इस बार के आम बजट में म प्र को केन्द्रीय करों से मिलने वाली हिस्सेदारी में 18 , 467 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई है। हालांकि कहा ये जा रहा है कि इसका कोई बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला। इधर चूंकि एक्साइज ड्यूटी कम कर दी गई है अतएव इससे मध्यप्रदेश को करीब 1 हजार करोड़ के घाटे का अनुमान लगाया जा रहा है। कुल मिलाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक ठोस कदम है क्योंकि सरकार ने हर उस चीज के आयात को महंगा कर दिया है जो देश में बन सकती है।
विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)
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